Ismail Haniya Murder: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास सुप्रीम इस्माइल हानिया की हत्या हुई है. यह हत्या ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले ही ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पद की सपथ ली. ईरानी IRGC ने बताया कि इस्माइल हानिया और एक गॉर्ड की हत्या उसके तेहरान स्थित आवास में की गई. हिजबुल्लाह से जुड़ी समाचार साइट अल मायादीन ने दावा किया है कि इस्माइल हानिया की हत्या इजरायल ने की है. दावा किया जा रहा है कि इस हत्या में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है. फिलहाल, इजरायल की तरफ से इसपर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. 


इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का पूरा नाम 'सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस' है. इसके अलावा इजरायल में अमन और शिन बेट भी खुफिया एजेंसी के तौर पर काम करती हैं. मोसाद पर पहले भी ईरान में हुई कई हाई प्रोफाइल हत्याओं का आरोप लग चुका है. मोसाद का प्रमुख काम विदेशी खुफिया जानकारी जुटाना, खुफिया विश्लेषण और खुफिया अभियानों को अंजाम देना है. यह एजेंसी दिसंबर 1949 से ब्रिटिश शासनादेश अवधि के दौरान फिलिस्तीन में यहूदी सैन्य बल की खुफिया शाखा के तौर पर काम कर रही थी. रूवेन शिलोआ का मोसाद का पहला डायरेक्टर चुना गया था. इजरायल की स्थापना के बाद यह एजेंसी लगातार इजरायल के लिए काम कर रही है और कई देशों में सफल अभियान चलाया है. 


इन खुफिया अभियानों को अंजाम दे चुका है मोसाद
27 जून 1976 को फ्रांस के एक यात्री विमान का अरब के आतंकियों ने अपहरण कर लिया था, इस विमान पर इजरायली यात्री सवार थे. इस घटना के बाद मोसाद ने अपनी ताकत का दुनिया के सामने लोहा मनवाया था. मोसाद ने युगांडा से अपने 94 नागरिकों को सुरक्षित वापस निकाल लिया था. युगांडा के एंतेबे हवाई अड्डे पर हुए मोसाद के इस ऑपरेशन को पूरी दुनिया में सबसे सफल हॉइजैकर्स मिशन के तौर पर जाना जाता है. इस ऑपरेशन में इजरायल के मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई जोनाथन नेतन्याहू भी शामिल हुए थे. लेकिन इसी ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी.


रूसी फाइटर जेट की चोरी कर चुका है मोसाद
इजरायल की एजेंसी मोसाद रूस के सुपरसोनिक फाइटर जेट मिग-21 को चोरी कर चुका है. मिग-21 60 के दशक में दुनिया के सबसे तेज उड़ने वाला लड़ाकू विमान था. इस विमान स्पीड इतनी अधिक थी कि अमेरिका भी मिग-21 से डरता था. ऐसे में इस विमान की टेक्नालॉजी चोरी करने के लिए मोसाद को जिम्मेदारी सौंपी थी. साल 1962 में पहली कोशिश के दौरान पकड़े जाने पर मोसाद के एक एजेंट को मिस्र में फांसी दे दी गई थी. दूसरी कोशिश मोसाद ने इराक में की, लेकिन यह प्रयास भी मोसाद फेल हो गया. लेकिन साल 1964 में मोसाद की महिला एजेंट ने इराकी पायलट को इस विमान के साथ इजरायल लाने में सफलता हासिल की थी.


इस्माइल हानिया हत्या में मोसाद पर शक क्यों?
इसके अलावा मोसाद साल 1972 में हुए म्यूनिख ओलंपिक में 11 इजरायलियों की हत्या करने वालों को कई देशों में खोजकर हत्या कर दी थी. मोसाद के इस बदले की कार्रवाई की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी. खिलाड़ियों की हत्या का आरोप फिलिस्तीन के ब्लैक सेप्टेंबर और फिलीस्तीन लिबरेशन अर्गनाइजेशन पर लगा था. इस ऑपरेशन में मोसाद ने सभी आतंकियोंको 11-11 गोलियां मारा करते थे. इसके अलावा मोसाद ने अर्जेंटीना में नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन का अपहरण कर लिया था. इसके अलावा भी दुनिया के कई देशों में मोसाद कई गुप्त अभियान चला चुका है. ऐसे में एक बार फिर इस्माइल हानिया की हत्या में दुनिया को मोसाद पर शक हो रहा है.


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