इजरायल और हमास के बीच 12 दिन से जंग चल रही है. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल पर धड़ा-धड़ रॉकेट दागे, जिसके बाद इजरायल ने आक्रामक रुख इख्तियार कर लिया. वह हमास के लड़ाकों को किसी कीमत पर नहीं बख्शने वाला. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी कह चुके हैं कि हमास को खत्म करके ही दम लेगें. गाजा में छिपे इसके लड़ाकों को मारने के लिए मिसाइलें, रॉकेट और बम से हमले हो रहे हैं. युद्ध के मैदान में इजरायल ने एक से बढ़कर एक हथियार उतार दिए हैं. इन हमलों ने गाजा को इस कदर तबाह कर दिया है कि यहां के नागरिक अपनी जान-बचाने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. 


इजरायल ने गाजा की सीमाओं को सील कर दिया है. खाने-पीने की चीजों और फ्यूल जैसे जरूरी सामानों की सप्लाई पर रोक लगा दी है. इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई भी बंद कर दी है. इस वक्त इजरायल का मकसद हमास को पूरी तरह से तहस-नहस करना है. हालांकि, इस सब में आम जनता को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हमलों में सैकडों की मौत हो गई है. लोगों के घर तबाह हो गए हैं और वे सड़कों पर मारे-मारे फिर रहे हैं. इजरायल ने उन्हें उत्तरी गाजा से दक्षिणी गाजा में शिफ्ट होने के लिए कहा है, लेकिन क्या वहां वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं? पूरे गाजा पर हमास का कब्जा है और इजरायल पर हमास को खत्म करने का जुनून सवार है. ऐसे में फलस्तीनी नागरिकों के पास जान बचाने का आखिरी रास्ता सिर्फ रफ़ा क्रॉसिंग है, जो मिस्त्र के सिनाई से जुड़ा है. इसके रास्ते फलस्तीनी नागरिक संकटग्रस्त गाजा से मिस्त्र में जाकर अपनी जान बचा सकते हैं. आईए जानते हैं कि आखिर क्यों ऐसा कहा जा रहा है कि रफ़ा क्रॉसिंग गाज़ावासियों के लिए युद्ध से बचने की आखिरी उम्मीद है-


क्या है रफ़ा क्रॉसिंग?
गाजा पट्टी इजरायल, मिस्त्र और भूमध्य सागर से घिरा है. यह इजरायल के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में मौजूद है. गाजा पर हमास की हुकूमत चलती है, लेकिन जमीन, हवा और समुद्र के रास्ते यहां एंट्री के लिए इजरायल और मिस्त्र की परमिशन लेनी पड़ती है. जमीन पर गाजा पट्टी के तीन क्रॉसिंग बॉर्डर हैं- करीम अबू सलेम क्रॉसिंग, इरेज क्रॉसिंग और रफ़ा क्रॉसिंग. करीम अबू सलेम क्रॉसिंग और इरेज क्रॉसिंग पर इजरायल का नियंत्रण है, जबकि रफ़ा क्रॉसिंग के जरिए गाजा में आने और जाने पर मिस्त्र और हमास की परमिशन की जरूरत होती है. यह क्रॉसिंग बॉर्डर मिस्त्र के उत्तर में सिनाई रेगिस्तानी इलाके से मिलता है. गाजा और सिनाई के बीच 12.8 किलोमीटर लंबी बाड़ लगी है. 


रफ़ा क्रॉसिंग पर किसका कंट्रोल
साल 1948 में इजरायल और फलस्तीन के युद्ध के बाद मिस्त्र ने गाजा पर कब्जा कर लिया था. 1967 में फिर इजरायल और फलस्तीन के बीच लड़ाई हुई और गाजा का कंट्रोल इजरायल के पास आ गया. इजरायल ने यहां यहूदियों को सेटल कर दिया, लेकिन साल 2005 में उसने अपनी सेना और यहूदियों को यहां से वापस बुला लिया और 2007 में गाजा पर हमास का कंट्रोल हो गया. हालांकि, इसकी सीमाओं पर अभी भी इजरायल और मिस्त्र का ही कंट्रोल है. फिलहाल रफ़ा क्रॉसिंग भी बंद है. संयुक्त राष्ट्र मिस्त्र पर दबाव बना रहा है कि वह गाजा के लोगों के लिए रफ़ा क्रॉसिंग को खोल दे. 


गाजा में अब तक 3,500 मौतें
इजरायल समुद्र और जमीन पर स्थित अपने सभी क्रॉसिंग बॉर्डर सील कर दिए हैं. इजरायल हमास को पूरी तरह खत्म करना चाहता है इसलिए गाजा की सभी सीमाएं सील कर दी हैं ताकि लड़ाके यहां से बचकर भाग न सकें. गाजा पर इजरायल की तरफ से लगातार हमले हो रहे हैं और इन हमलों में अब तक 3,500 जानें जा चुकी हैं और 9,700 लोग घायल हो चुके हैंय


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