Gaza Ceasefire Deal: मिडिल ईस्ट में शांति की राह मुश्किल होती नजर आ रही है, क्योंकि गाजा में जारी युद्ध बरकरार रह सकता है. इसकी वजह ये है कि हमास ने कहा कि उसने युद्धविराम समझौते के लिए इजरायल द्वारा रखी गई 'नई शर्तों' को खारिज कर दिया है. चरमपंथी संगठन का कहना है कि वह केवल उस समझौते के लिए तैयार है, जिस पर वह 2 जुलाई को सहमत हुआ था. शांति वार्ता को लेकर मिस्र की राजधानी काहिरा में रविवार (25 अगस्त) को बैठक हुई. 


सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यस्थतों के साथ हमास प्रतिनिधिमंडल ने बैठक की, लेकिन वह अपनी शर्तों को रखने के बाद रविवार शाम काहिरा से चला गया. अमेरिका की अगुवाई में मध्यस्थता करवाई जा रही है, ताकि गाजा में पिछले 10 महीने से हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग खत्म हो सके. हालांकि, हमास प्रतिनिधिमंडल के अपनी बातों पर अड़ने की वजह से मिडिल ईस्ट में अभी शांति लौटते हुए नजर नहीं आ रही है. इसकी वजह से आम फिलिस्तीनियों की मुसीबत बढ़ जाएगी.


हमास ने युद्धविराम समझौते को लेकर क्या मांग रखी है? 


हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य इज्जत अल-रिश्क ने एक बयान में कहा, हमास ने मांग की कि इजरायल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भाषण और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कही गई बातों के आधार पर 2 जुलाई को जो सहमति बनी थी, उस पर डटा रहे. अल-रिश्क ने हमास की स्थिति पर आगे जोर दिया कि किसी भी समझौते में स्थायी युद्धविराम, गाजा पट्टी से सैनिकों की वापसी, लोगों को अपने इलाकों में लौटने की आजादी, राहत एवं पुनर्निर्माण और एक एक्सचेंज डील शामिल होना चाहिए.


इजरायल की नई शर्तें क्या हैं, हमास ने बताया? 


पिछले हफ्ते, हमास के वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने अल अक्सा टीवी को बताया कि इजरायल ने शांति समझौते को स्वीकार करने के लिए नई शर्तें तय की हैं और जिस पर वह पहले सहमत हुआ था, उससे पीछे हट गया है. हमदान के मुताबिक, उन नई शर्तों में फिलाडेल्फी कॉरिडोर (मिस्र के साथ लगने वाले गाजा के बॉर्डर पर जमीन की एक प्रमुख पट्टी) में इजरायली सैनिकों को फिर से तैनात करना और मिस्र के साथ लगने वाली रफाह क्रॉसिंग को गैर-फिलिस्तीनी लोगों के जरिए मैनेज करना शामिल था. 


इजरायल पर युद्धविराम को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप


शांति वार्ता को लेकर बात नहीं बनने के लिए हमास ने इजरायल और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दोषी ठहराया है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने नेतन्याहू पर नई मांगें थोपने और युद्धविराम तक पहुंचने को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है. नेतन्याहू ने कहा है कि गाजा में युद्ध तब तक जारी रहेगा जब तक हमास के खिलाफ जीत नहीं मिल जाती, भले ही कोई समझौता हो जाए. 


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