न्यूयॉर्क: अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने हाथों से एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने धर्म पर चर्चा की थी. एक नीलामी में ये चिट्ठी 2.9 मिलियन डॉलर (20,52,47,500 रुपए) में बिकी है. 1954 में लिखी गई इस चिट्ठी को 'गॉड लेटर' यानी भगवान पर लिखी गई चिट्ठी भी कहा जाता है. न्यूयॉर्क के क्रिस्टी रॉकफेलर सेंटर में इसकी नीलामी से पहले उम्मीद जताई गई थी कि ये 1.5 मिलियन डॉलर तक की रमक में बिक जाएगी लेकिन इसने सभी अटकलों को ग़लत साबित कर दिया और उम्मीद से काफी ज़्यादा रकम बटोर लाई.


जब आइंस्टीन ने इसे लिखा था तो वो 74 साल के थे. दरअसल, जर्मनी के दार्शनिक एरिक गुटकिंड ने कुछ लिखा था जिसके जवाब में आइंस्टीन ने उन्हें ये डेढ़ पन्ने की चिट्ठी लिखी थी. इसे विज्ञान बनाम धर्म को लेकर होने वाली बहस के एक अहम हिस्से के तौर पर देखा जाता है. क्रिस्टी द्वारा जारी दिए गए एक बयान में कहा गया, "इस विलक्ष्ण चिट्ठी को आइंस्टीन की मृत्यु के एक साल पहले लिखा गया था और धर्म के अलावा दर्शन को लेकर इसमें उनके विचार बिल्कुल खुलकर सामने आते हैं."


इस चिट्ठी को आइंस्टीन ने जर्मन भाषा में लिखा था जिसमें वो धर्म को लेकर विश्वास पर बात करते हैं. वो लिखते हैं, "ये जो भगवान नाम का शब्द है वो मेरे लिए कुछ भी नहीं बल्कि लोगों की कमज़ोरी से पैदा हुआ एक शब्द है. बाइबल आदरणीय तो है लेकिन फिर भी ये प्राचीन कहानियों का संग्रह मात्र है." वो आगे लिखते हैं कि किसी तरह की व्याख्या, चाहे वो कितनी ही सुक्ष्म क्यों न हो, इस बारे में उनके विचारों को नहीं बदल सकती है.


आइंस्टीन ने ख़ुद के यहूदी धर्म के बारे में भी चर्चा की है और इसे भी उन्होंने अंधविश्वास पर आधारित बताकर ख़ारिज कर दिया है. वो कहते हैं, "मुझे ख़ुशी है कि मैं यहूदी समुदाय का हिस्सा हूं लेकिन ये धर्म भी किसी धर्म से अलग नहीं है." आपको बता दें कि ये पहला मौक़ा नहीं है जब आइंस्टीन की चिट्ठियों को नीलाम किया गया है. 2017 में उनके एक नोट को निलाम किया गया था. ये नोट उन्होंने इटली के एक छात्र को लिखा था जिसने आइंस्टीन से मिलने के लिए मना कर दिया था. इस नोट की नीलामी 6,100 डॉलर (4,31,971 रुपए) में हुई थी.


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