G-20 Summit: G-20 शिखर बैठक के मौके पर मिले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हॉट-टॉक होते देखा गया. दोनों के बीच 15 नवंबर को मुलाकात के दौरान हुई बातचीत की डिटेल मीडिया में आने को लेकर जिनपिंग भड़क गए. G-20 सत्र के दौरान आमना-सामना होने पर शी जिनपिंग ने अपनी नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह से बात करने का तरीका नहीं होता कि सारी बातें मीडिया को बता दी जाएं.


जवाब में ट्रूडो ने कहा कि हम फ्रैंक और कैंडिड अंदाज़ में चीन के साथ बात करना चाहते हैं. वहीं ये जवाब सुनकर जिनपिंग ने कहा कि पहले आप बात करने लायक माहौल बनाएं. कनाडाई मीडिया के मुताबिक, 15 नवम्बर को हुई मुलाकात में ट्रूडो ने जिनपिंग से दो टूक में कहा कि चीन के कनाडाई राजनीति में दखल के आरोप गम्भीर हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए. कनाडा में 2019 के चुनावों में चीनी दखल के आरोप लगे थे. G20 के मंच पर दोनों नेताओं की यह तीन साल बाद हुई पहली मुलाकात थी.



कनाडा को स्वतंत्र और खुली बातचीत में विश्वास
कनाडा के प्रधानमंत्री को ने शी जिनपिंग के बातों का शांत तरीके से जवाब देते हुए कहा, "कनाडा में, हम स्वतंत्र, और खुली, और स्पष्ट बातचीत में विश्वास करते हैं और यही हम जारी रखेंगे. हम रचनात्मक रूप से एक साथ काम करना जारी रखेंगे लेकिन ऐसी चीजें होंगी जिन पर हम असहमत होंगे".


ट्रूडो की प्रतिक्रिया के बाद, दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और अलग-अलग रास्ते चले गए, शी जिनपिंग ने मुस्कुराते हुए लेकिन निराशाजनक व्यवहार बनाए रखा, और कहा, "ये बहुत अच्छा है, लेकिन पहले परिस्थितियों का निर्माण करें". प्रोग्राम के जगह पर एक कैमरा क्रू द्वारा बातचीत को रिकॉर्ड किया गया था.


चुनावों में चीनी दखल
कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने मंगलवार (15 नवंबर) को शी जिनपिंग से बात की और उनके अधिकारियों ने कहा कि "उन्होंने कनाडा के चुनावों में चीनी दखल के बारे में चिंता जताई है. सरकारी सूत्र के हवाले से आई खबरों के अनुसार उन्होंने अपनी 10 मिनट की बातचीत में यूक्रेन, उत्तर कोरिया में युद्ध और जलवायु परिवर्तन का मुद्दा भी उठाया. इस कार्यक्रम में शी के लिए ट्रूडो के साथ बातचीत एकमात्र बाधा नहीं थी. ब्रिटेन के गार्डियन अखबार के अनुसार, उनके और ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक के बीच बैठक होने वाली बैठक को समय की कमी के कारण रद्द कर दी गई थी. 


जी-20 शिखर सम्मेलन का समापन
दुनिया के सबसे धनी देशों के समूह जी-20 के नेताओं ने बुधवार (16 नवंबर) को इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का समापन किया, जिसमें यूक्रेन में रूस की आक्रामकता को लेकर कड़े शब्दों में आलोचना की गई. फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने शी जिनपिंग के साथ बातचीत के एक दिन बाद चीन से यूक्रेन युद्ध को बढ़ने से रोकने में मदद करने के लिए बड़ी  भूमिका निभाने का अनुरोध किया.


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