खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पहली बरसी पर कनाडा की संसद में मौन रखकर शहीद जैसा सम्मान दिया गया. यह जानते हुए भी कि वह कनाडा की सुरक्षा के लिए खतरा था, फिर भी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में निज्जर की पहली बरसी पर आंसू बहाए. उसको जिस तरह सम्मान दिया गया वो आमतौर पर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महत्व के लोगों के योगदान की याद में दिया जाता है.


इंडिया टुडे में ग्लोब एंड मेल के हवाले से एक खुफिया रिपोर्ट छपी है, जिसमें बताया गया कि निज्जर भारत के लिए ही नहीं बल्कि कनाडा की शांति और कानून-व्यवस्था के लिए भी खतरा था. वह कनाडा सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ था. कनाडा सरकार ने उसके बैंक अकाउंट फ्रीज किए गए थे और उसको नो-फ्लाई लिस्ट में भी रखा गया था. कनाडा के सिखों के लिए गैरकानूनी हथियारों की ट्रेनिंग प्रोग्राम के सिलसिले में भी उससे पूछताछ की गई थी. रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि निज्जर कनाडा सरकार के लिए चिंता का बहुत बड़ा विषय बना हुआ था, फिर भी ट्रूडो सरकार उसकी बरसी मना रही है.


निज्जर की याद में मौन रखे जाने की भारत ने की थी आलोचना
पिछले साल निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पिछले हफ्ते हरदीप सिंह निज्जर की पहली बरसी पर कनाडा की संसद में एक मिनट का मौन रखा गया था, जिसकी भारत ने आलोचना की थी. 21 जून को भारत ने इस पर नाराजगी जताई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवा ने कहा कि भारत हिंसा की वकालत करने वाले और चरमपंथ को राजनीतिक जमीन मुहैया कराने वाले किसी भी कदम का स्वभाविक रूप से विरोध करते हैं.


सितंबर, 2023 में जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया. हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया. सरकार ने जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताया है.


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