हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष क्लाउडिन गे ने मांगी माफी, यहूदियों के नरसंहार की निंदा नहीं करने की वजह से हुआ था विवाद
Harvard University President Claudine Gay: हार्वर्ड विश्वविद्यालय की अध्यक्ष क्लाउडिन गे ने यहूदियों के खिलाफ 'नरसंहार' के आह्वान को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया था लेकिन बाद में मांगी मांगनी पड़ी.
Harvard University President: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष क्लाउडिन गे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उनसे सवाल पूछा जा रहा है कि क्या उन्हें इस बात की जानकारी थी कि यूनिवर्सिटी में यहूदियों के नरसंहार का आह्वान किया जा रहा था. इसके जवाब में वह कहती हैं कि उन्हें इसकी जानकारी थी. क्लाउडिन इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बता रही थीं.
प्रोफेसर क्लाउडिन गे से मंगलवार को पूछा गया कि क्या यहूदियों के खिलाफ "नरसंहार" का आह्वान हार्वर्ड की आचार संहिता का उल्लंघन नहीं था. इस पर उन्होंने सीधे जवाब नहीं दिया. वह बोली कि यह "संदर्भ" पर निर्भर करता है.
मांगनी पड़ी माफी
इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद क्लाउडिन को माफी मांगनी पड़ी थी. क्रिमसन स्टूडेंट न्यूज़पेपर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने माफी मांगी. उन्होंने कहा, "उस समय ऐसी स्थिति बन गई थी कि मुझसे जो बन पड़ा मैंने वो कह डाला."
इजरायल-हमास जंग को लेकर अमेरिका में कैसे हैं हालात?
मध्य-पूर्व में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध की आग की जद में अमेरिका भी झुलस रहा है. अमेरिका में आए दिन यहूदी या फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ मारपीट और हत्या के मामले सामने आते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को अमेरिका में रह रहे मुस्लिम समुदाय से कहा था कि वे आने वाले चुनाव में उनका समर्थन नहीं करेंगे.
यहूदियों के अधिकारों की वकालत करने वाली कई संस्थाओं ने अमेरिका में समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर दुनिया का ध्यान खींचा. हालांकि बाइडेन प्रशासन ने साफ किया है कि वह फिलस्तीनी और इजरायली नागरिकों के बीच शांति की वकालत करते रहे हैं.
जंग के कैसे हैं हालात?
इजरायली सेना गाजा पर लगातार हमले कर रही है. टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, सेना ने कहा है कि उसे गाजा में पहले चरण के जंग को खत्म करने में दो महीने तक का समय लग सकता है. इजरायली सेना का कहना है कि हमास के लड़ाके गाजा के नागरिकों का ताने-बाने को अच्छी तरह से समझते हैं इसलिए वह आसानी से हाथ नहीं आ रहे हैं.
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