हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के वारिस हाशिम सफीद्दीन का भी काम तमाम! अब इजरायल के निशाने पर कौन?
Hezbollah New Chief Hashem Safieddine Killed: हाशिम सफीद्दीन हिज्बुल्लाह का एक प्रमुख नेता और सैन्य कमांडर था, जिसे हिज्बुल्लाह के राजनीतिक और सैन्य विंग में काफी ताकतवर माना जाता था.
Hezbollah New Chief Hashem Safieddine Killed: इजरायली सेना ने लेबनान के बेरूत में हिज्बुल्लाह के खुफिया मुख्यालय पर हमला किया. यह हमला कथित तौर पर हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के वारिस हाशिम सफीद्दीन को निशाना बनाकर किया गया था. हमले में हाशिम सफीद्दीन की मौत हो गई है.
हाशिम सफीद्दीन की मौत के बाद पश्चिम एशिया और दुनिया भर में हिज्बुल्लाह के अगले चीफ के नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. इजरायली हमले में हिज्बुल्लाह के लगभग सभी शीर्ष कमांडर को मार गिराया गया है. 27 सितंबर को हिज्बुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह को इजरायली सेना ने मार गिराया था, उसके बाद हाशिम सफीद्दीन को हिज्बुल्लाह की कमान सौंपी गई थी.
कौन था हाशिम सफीद्दीन?
हाशिम सफीद्दीन हिजबुल्लाह का एक प्रमुख नेता और सैन्य कमांडर था, जिसे हिजबुल्लाह के राजनीतिक और सैन्य विंग में काफी ताकतवर माना जाता था. हिजबुल्लाह लेबनान का एक शिया इस्लामी संगठन है, जिसे ईरान का समर्थन हासिल है. सफीद्दीन हिजबुल्लाह के धार्मिक नेता हसन नसरल्लाह का करीबी रिश्तेदार और सलाहकार था. वह हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद का प्रमुख था, जो संगठन की नीतियों और संचालन का निरीक्षण करता है.
उसके बाद कौन संभाल सकता है कमान?
हिज्बुल्लाह में हसन नसरल्लाह के बाद हाशिम सफीद्दीन को ही उसका वारिस माना जाता था. इसके अलावा नैबिल काऊक, इब्राहिम अमीन अल-सैय्यद, मोहम्मद रजा, वफीक सफा भी ऐसे कमांडर थे जो हिज्बुल्लाह की कमान संभाल सकते थे लेकिन इजरायली हमले में सारे मारे गए. फिलहाल हिज्बुल्लाह के बदर यूनिट का कमांडर अबू अली रिदा ही जिंदा है. इजरायल इसकी तलाश कर रहा है और कहा जा रहा है कि अब हिज्बुल्लाह की कमान अबू अली रिदा के हाथों आ सकती है.
हिज्बुल्लाह की मौजूदा हालत क्या है?
हिज्बुल्लाह इस वक्त राजनीतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर सक्रिय है. संगठन का प्रमुख समर्थन आधार लेबनान के शिया समुदाय में है और यह लेबनान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण शक्ति बना हुआ है. फिलहाल संगठन में शीर्ष नेतृत्व की कमी है. संगठन के सभी आला नेता मारे जा चुके हैं. इसके अलावा हिज्बुल्लाह पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी है. भले ही उसे ईरान और लेबनान जैसे मुल्कों का समर्थन हासिल है लेकिन इसके बावजूद कई मुस्लिम देश उसपर जंग रोकने का दवाब बना रहे हैं. इजरायल के लगातार और औचक हमलों की वजह से संगठन के आधार कमजोर हुआ है. हालिया हमलों में बड़ी संख्या में संगठन के लड़ाकों की जान गई है.
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