England: गले की खराश को डॉक्टर ने समझा मामूली, कुछ ही दिन में इस खतरनाक वायरस ने ले ली युवक की जान
England: ल्यूक अब्राहम्स जब डॉक्टर के पास समस्या लेकर गया तो डॉक्टर ने गले में खराश को नॉर्मल मानते हुए कुछ एंटीबायोटिक्स खाने को दिया. उसने डॉक्टर की दी दवाइयां खाईं, लेकिन उसे कुछ फायदा नहीं हुआ.
Flesh Eating Virus Killed a Boy in England: हमारा शरीर पूरे जीवन में तरह-तरह की बीमारियों से लड़ता है. इनमें से कई बीमारियां नई भी होती हैं. जब हमें बीमारियों का पता चलता है तो हम समय रहते इलाज कराना शुरू कर देते हैं और जल्द ही स्वस्थ भी हो जाते हैं.
हालांकि, कई बार ऐसा भी होता है कि इंसान को ये पता ही नहीं चल पाता कि उसे क्या बीमारी है. इस वजह से वह इलाज भी शुरू नहीं करा पाता और अंत में उसकी जान पर बन आती है या उसे कोई और बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. इंग्लैंड में रहने वाले 20 साल के एक लड़के के साथ ऐसा ही कुछ हुआ.
डॉक्टर मानता रहा मामूली समस्या
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड में रहने वाला ल्यूक अब्राहम्स (Luke Abrahams) नाम का लड़का रेलवे में इंजीनियर था. वह फुटबॉल भी काफी अच्छा खेलता था. वह लाइफ को एंजॉय करता था, लेकिन उसका अंत काफी अजीब रहा. दरअसल, ल्यूक की जान एक मेडिकल कनफ्यूज़न की वजह से गई. वह जनवरी की शुरुआत से ही गले में खराश की समस्या से जूझ रहा था. उसने डॉक्टर को भी दिखाया, लेकिन डॉक्टर उसके गले में खराश और दूसरे लक्षणों को एक मामूली समस्या मानकर दवाइयां देते रहे. पर शरीर के अंदर की बीमारी उसे धीरे-धीरे खोखला कर रही थी. जनवरी के आखिरी हफ्ते में उसकी मौत हो गई.
जब बात बिगड़ी तो परिवार ले गया अस्पताल
रिपोर्ट के अनुसार, ल्यूक अब्राहम्स जब डॉक्टर के पास समस्या लेकर गया तो डॉक्टर ने गले में खराश को नॉर्मल मानते हुए कुछ एंटीबायोटिक्स खाने को दिया. उसने डॉक्टर की दी दवाइयां खाईं, लेकिन उसे कुछ फायदा नहीं हुआ. ठीक होने की जगह उल्टा उसके पैरों में दर्द की समस्या भी बढ़ गई. दिक्कत जब बढ़ने लगी तो उसके परिवार वाले उसे नॉर्थम्पटन जनरल अस्पताल ले गए. डॉक्टर उसे देख ही रहे थे कि उसकी मौत हो गई.
डॉक्टरों को मौत के बाद चला असल बीमारी का पता
बाद में अस्पताल के डॉक्टरों ने इस केस को सही से समझने की कोशिश की. इस दौरान उन्हें पता चला कि ल्यूक को सामान्य टॉन्सिल नहीं था. इलाज शुरू वाले डॉक्टर ने उसे सामान्य मानकर बड़ी गलती की. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि ल्यूक को Lemierre syndrome था. यह एक बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन होता है, जो गले के ज़रिये शरीर के अंदर घुसता है और खून व नसों को प्रभावित करता है. कुछ दिनों बाद ये बढ़ जाता है और इसकी वजह से शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं. इसका परिणाम ये होता है कि लिवर और किडनी जैसे अंग फेल होने लगते हैं. इस बीमारी को दो तरह से पहचाना जा सकता है. एक तरीका है इसके लक्षणों पर पैनी नजर रखना, जबकि दूसरा तरीका है ब्लड टेस्ट के ज़रिये.
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