Hezbollah Attacks on Israel: इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स पर लेबनानी आतंकवादी समूह ने रॉकेट से हमला किया, जिसमें बच्चों समेत कम से 12 लोगों की मौत और 29 से अधिक लोग घायल हो गए. गोलान हाइट्स दक्षिणी-पश्चिमी सीरिया में स्थित एक पहाड़ी इलाका है, जो राजनीतिक और रणनीतिक रूप से खासा अहम माना जाता है. साल 1967 में सीरिया के साथ छह दिन के युद्ध के बाद इजरायल ने गोलान हाइट्स पर आंशिक रूप से कब्जा कर लिया था, जिसके बाद अधिकतर सिरियाई लोग वहां से अपना घर बार छोड़कर चले गए थे.


गोलान हाइट्स से दिखता है दमिश्क 


पानी से भरपुर गोलान हाइट्स उत्तरी इजराइल के गैलिली क्षेत्र और गैलिली सागर पर नजर रखता है. इसके अलावा गोलान हाइट्स की चोटी से सीरिया की राजधानी दमिश्क साफ नजर आता है. इन दोनों जगहों की दूरी करीब 60 किलोमीटर है. 1973 के युद्ध के दौरान इजरायल ने लगभग 510 वर्ग किलोमीटर (लगभग 200 वर्ग मील) का अतिरिक्त क्षेत्र पर कब्जा लिया था, लेकिन अगले साल युद्धविराम समझौते के तहत इसे सीरिया को लौटा दिया था. साथ ही 1967 में कब्जाए गए क्षेत्र का एक छोटा सा हिस्सा भी उसे वापस कर दिया था.


साल 1974 के बाद से दोनों देशों के बीच युद्ध विराम लागू किया और तब से संयुक्त राष्ट्र की सेना युद्धविराम रेखा पर तैनात है. गोलान हाइट्स का लगभग 1,200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र, जो लेबनान और जॉर्डन की सीमा से भी लगा हुआ है, उस पर 14 दिसंबर 1981 को इजरायल ने कब्जा कर लिया था. इसके बाद इजरायल ने गोलान हाइट्स को अपने क्षेत्र में मिलाने घोषणा की थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मान्यता नहीं दी थी.


गोलान मुद्दे पर रुक गई थी शांति वार्ता


1990 के दशक में इजरायल-सीरियाई शांति वार्ता गोलान के मुद्दे पर रुक गई थी. तब इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एहुद बराक ने  सीरिया को गोलान का कुछ हिस्सा लौटाने की पेशकश की थी, लेकिन सीरिया ने पूरा इलाका वापस करने की मांग कर दी थी.


गोलान हाइट्स के किसानों के लिए सेब उत्पादन आय का एक प्रमुख स्रोत है, हालांकि इसके चट्टानी क्षेत्र सीमित खेती के लिए ही उपलब्ध होता है. 1967 के युद्ध से पहले के वर्षों से गोलान पर जल संसाधनों का मुद्दा इजरायल और सीरिया के बीच विवाद का कारण था.


2011 में सीरियाई युद्ध शुरू होने के बाद से, इजरायल ने अपने उत्तरी पड़ोसी पर सैकड़ों बार हमला किया है, जिसमें मुख्य रूप से सेना की चौकियों और हिजबुल्लाह सहित ईरान समर्थित लड़ाकों को निशाना बनाया गया. इजराइल और सीरिया आधिकारिक तौर पर युद्ध की स्थिति में हैं, हालांकि पिछले कई दशकों से युद्ध विराम रेखा शांत रही है. 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास के हमले के बाद तनाव बढ़ गया, जिससे गाजा पट्टी में युद्ध शुरू हो गया.


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