कोलंबो: श्रीलंका में स्थित भारतीय उच्चायोग ने संकटग्रस्त देश में रह रहे भारतीय नागरिकों से गुरुवार को भारत के मिशन के साथ अपना विवरण दर्ज कराने को कहा. लेकिन बाद में भारतीय उच्चायोग ने स्पष्टीकरण दिया कि यह प्रक्रिया श्रीलंका में रह रहे भारतीय नागरिकों की संख्या पर अपने डेटाबेस के नियमित अपडेट का एक हिस्सा थी.
कोलंबो में स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ श्रीलंका में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों से निम्नलिखित वेबसाइट पर अपनी विस्तृत जानकारी के साथ पंजीकरण कराने का अनुरोध किया जाता है.’’ बाद में भारतीय उच्चायोग ने एक अन्य ट्वीट में स्पष्टीकरण दिया कि यह प्रक्रिया श्रीलंका में रह रहे भारतीय नागरिकों की संख्या पर अपने डेटाबेस के नियमित अपडेट का एक हिस्सा थी.
भारतीय उच्चायोग ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘कृपया ध्यान दें कि यह कोई नया लिंक नहीं है. हम श्रीलंका में रह रहे भारतीय नागरिकों को समय-समय पर लिंक के बारे में सूचित करके डेटाबेस को अद्यतन रखने का प्रयास करते हैं.’’ भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे एक नियमित प्रक्रिया करार दिया.
सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है श्रीलंका
वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है.
नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं.
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