Covid-19 vaccine: विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कुछ वैक्सीन की उच्च भंडारण लागत और तापमान की समस्या से देशों को टीकाकरण से पीछे नहीं हटना चाहिए. आपको बता दें कि फाइजर की विकसित संभावित कोविड-19 वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस कम तापमान की आवश्यकता है. मॉडर्ना की आरएनए वैक्सीन एक महीने तक सामान्य तामपाम 2-8 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखी जा सकती है. इससे अधिक समय तक भंडारण के लिए और कम तापमान की जरूरत होगी. रूस की स्पुतिनक-V वैक्सीन को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखा जा सकता है.


भंडारण लागत और तापमान न हो टीकाकरण में बाधा- WHO


शुक्रवार को स्वास्थ्य एजेंसी में टीकाकरण की निदेशक केट ओ ब्रायन ने कहा, "सभी देशों को तंत्र में नयापन लाने के लिए सख्त मेहनत करने की जरूरत है. जिससे वैक्सीन को अल्ट्रा-कोल्ड चेन में रखते हुए आपूर्ति की जा सके. इसको ध्यान में रख बहुत सारे देश आबादी के खास जरूरतमंदों को टीकाकरण के लिए अल्ट्रा-कोल्ड चेन वाली वैक्सीन का विकल्प चुन सकते हैं."


कोविड-19 वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए तापमान बाधा


वर्चुअल ब्रीफिंग में उन्होंने मिसाल देते हुए बताया कि इस तरह की वैक्सीन उन केंद्रों पर हेल्थ केयर वर्कर्स को लगाया जा सकता है जिन केंद्रों पर अत्यधिक कम तापमान वाली फ्रीजर लगी हो. ये कोई समस्या नहीं है. उनका मानना है कि मुख्य संदेश ये है कि तकनीक की मदद से अल्ट्रा-कोल्ड चेन वैक्सीन की डिलीवरी की जा सकती है. यहां तक कि सबसे दुश्वार और दूरदराज कुछ इलाकों तक भी डिलीवरी को सुनिश्चित बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसा करने के लिए भारी संसाधनों की जरूरत होगी. इसलिए हमें करने की ये जरूरत है कि अलग-अलग विशेषताओं वाली विविध वैक्सीन चाहिए.


आपको बता दें कि विकसित की जा रहीं ज्यादातर कोविड-19 वैक्सीन मानव परीक्षण के अंतिम चरण में हैं. उनमें से ज्यादातर को कोल्ड चेन की श्रेणी में रखा गया है. इसका मतलब हुआ कि वैक्सीन को सुरक्षित रखने और ले जाने के लिए खास तापमान की दरकार है. भारत में 0-70 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान पर कोविड-19 वैक्सीन को सुरक्षित रखना चुनौती है. एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया था कि भारत में ज्यादातर वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है. कोल्ड स्टोरेड चेन में सबसे कम 0- 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान पर वैक्सीन रखी जा सकती है मगर सुदूर क्षेत्रों में इतने कम तापमान वाली कोल्ड स्टेरोज नहीं हैं.


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