Anti Hijab Protests: महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में अशांति कायम है. इसी बीच ईरानी पुलिस ने नए सिरे से चेतावनियां दी हैं कि महिलाओं को कारों में भी हेडस्कार्व पहनना होगा. गौरतलब है कि पिछले तीन महीने से देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. यह प्रदर्शन विवादास्पद मॉरल पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुआ. महसा अमिनी को अपना हिजाब ठीक से नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी पुलिस ने कथित तौर पर चेतावनी भरे मैसेज में कहा है कि वाहन में बैठे महिलाओं को बिना हिजाब के देखा गया है. ऐसा आगे से नहीं होना चाहिए, समाज के मानदंडों का सम्मान करना चाहिए. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि यह कार्रवाई दोबारा न हो. 


वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा 


फ़ार्स समाचार एजेंसी ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा कि कार मालिकों को उनके वाहन में ड्रेस कोड के उल्लंघन के बारे में अलर्ट करते हुए एक एसएमएस टेक्स्ट संदेश भेजा जाएगा और दोहराए जाने पर "कानूनी" कार्रवाई की चेतावनी दी जाएगी. 


ईरानी लेखक को सुनाई गई मौत की सजा 


इससे पहले मशहूर ईरानी लेखक मेहदी बहमन को मौत की सजा सुनाई गई. मेहदी बहमन ने इजरायल के एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने ईरान की सरकार की बुराई की थी. ईरान ने इंटरव्यू के तुरंत बाद बहमन को गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले ईरान 11 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा दे चुका है और तीन महीने से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सौ से अधिक को हिरासत में ले चुका है. 


1979 के बाद हो रहा सबसे बड़ा प्रोटेस्ट 


बता दें कि 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद देश में भड़का ये अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन है. जनता और सरकार, दोनों को अब तक इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है. ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज़ एजेंसी (HRANA) के मुताबिक़ देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 500 प्रदर्शकारियों की मौत हो चुकी है.


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