(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Hindu American summit: ईसाइयों के सबसे बड़े देश में पहली बार होगा हिंदू-अमेरिकी शिखर सम्मेलन, 'हिंदूफोबिया' पर होगी बात
Hinduism in America: अमेरिका में हिंदुओं की आबादी 15 साल में दोगुनी हो गई और मंदिरों की संख्या भी बढ़कर 1 हजार हो चुकी है. हालांकि, सियासत में पहुंच कम है, हिंदू-अमेरिकन समिट में इस पर फोकस रहेगा.
Hindu American Summit: ईसाइयों का सबसे बड़ा देश अमेरिका (US) 14 जून को पहली बार हिंदू-अमेरिकी शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. वहां हाल ही में गठित 'अमेरिकन्स हिंदू' पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने इस शिखर सम्मेलन के आयोजन का ऐलान किया. सम्मेलन में देश भर से सैकड़ों भारतीय मूल के अमेरिकी नेता और हिंदू संगठन जुटेंगे.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में आयोजित हो रहे पहले हिंदू अमेरिकी शिखर सम्मेलन को अमेरिकी हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव के अध्यक्ष (हाउस स्पीकर) केविन मैकार्थी द्वारा संबोधित किया जाएगा. अमेरिका में फिलहाल करीब 30 लाख हिंदू रहते हैं. हिंदुओं के उत्थान और उनकी आवाज सियासी मंचों पर उठाने के लिए हाल ही में 20 से अधिक अन्य प्रवासी निकायों के सहयोग से अमेरिकन्स4हिंदू पॉलिटिकल एक्शन कमेटी का गठन किया गया था.
अमेरिकन्स4हिंदू पॉलिटिकल एक्शन कमेटी का गठन
अमेरिकन्स4हिंदू पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के बैनर तले ही देश भर के प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों का एक समूह यूएस कैपिटल में राजनीतिक जुड़ाव के लिए पहले हिंदू-अमेरिकी शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए एक साथ आया है. उसका हिस्सा बनने वाले संगठनों में अमेरिकन हिंदू कोएलिशन, अमेरिकन हिंदू फेडरेशन, अमेरिकन्स फॉर इक्वैलिटी पीएसी, एकल विद्यालय, फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन्स, फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज, हिंदू एक्शन, हिंदू एक्शन पीएसी ऑफ फ्लोरिडा, हिंदू पीएसीआर, हिंदू स्वयंसेवक संघ, अमेरिन हिंदू यूनिवर्सिटी, कश्मीर हिंदू फाउंडेशन, पैट्रियट अमेरिका, सेवा इंटरनेशनल, यूएस इंडिया रिलेशनशिप काउंसिल और वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका आदि शामिल हैं.
हिंदू समुदाय की चिंताओं पर होगी बात
कमेटी से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि हिंदू-अमेरिकी शिखर सम्मेलन 14 जून को यूएस कैपिटल में आयोजित किया जाना है, ताकि कानून निर्माताओं के समक्ष हिंदू समुदाय की चिंताओं को उठाया जा सके. उन्होंने बताया कि फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क, बोस्टन, टेक्सास, शिकागो और कैलिफोर्निया आदि जगहों के 130 भारतीय अमेरिकी नेता 20 हिंदू और भारतीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए इस आयोजन के लिए यूएस कैपिटल आ रहे हैं.
'अभी राजनीतिक रूप से पिछड़े हुए हैं हिंदू'
कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि हिंदू अमेरिकी देश भर में अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक रूप से वे बहुत पिछड़े हैं. अमेरिका में रह रहे हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ रोमेश जापरा ने कहा, "राजनीतिक रूप से, हम सोचते हैं, हम अच्छा ही कर रहे हैं. हमारे साथ भेदभाव तो नहीं किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य से, सियासत में बड़ा योगदान नहीं दे पाए हैं. मैं कैलिफोर्निया से हूं, तो देखता हूं कि कई सियासी चेहरों का भेदभावपूर्ण रवैया रहा है.,”
'हिंदुओं को अमेरिकी संसद-सत्ता में होना चाहिए'
डॉ. जापरा ने कहा कि इक्वैलिटी लैब्स और केयर जैसे संगठन हिंदू धर्म को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “वे इन चीजों के (हिंदू विरोधी गतिविधियों) के पीछे हैं. इसलिए, हमने सोचा कि हमें एक साथ आना चाहिए, सभी हिंदू अमेरिकियों, सभी नेताओं, संगठनों के सभी कार्यकारी प्रमुखों को एकजुट करना चाहिए. हमें कांग्रेस में आना चाहिए, कैपिटल हिल पर आना चाहिए, सत्ता के केंद्र में होना चाहिए.“
अमेरिका के कई अन्य कांग्रेस नेता भी देंगे संबोधन
14 जून को हाउस स्पीकर मैकार्थी के साथ, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पक्ष के कई अन्य कांग्रेस नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने की उम्मीद है. डॉ. जापरा ने कहा कि मुख्य भाषण मैक्कार्थी देंगे. इनमें प्रमुख रूप से भारतीय अमेरिकी सांसद शामिल हैं. उन्होंने कहा कि समुदाय प्रतिनिधि सभा में अब तक का पहला हिंदू कॉकस बनाने की दिशा में काम कर रहा है - सांसदों का एक समूह जो हिंदू अमेरिकियों के हितों की रक्षा के लिए काम कर रहा है.
'हिंदूफोबिया-हिंदू हेट पर बात होनी चाहिए'
डॉ. जापरा ने कहा, "हम हिंदू कॉकस को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां हम कांग्रेस के इन सभी नेताओं, सीनेटरों और प्रतिनिधियों को हमारे कॉकस का हिस्सा बनने के लिए कहेंगे." उन्होंने कहा- हमारा समूह कांग्रेस के उन नेताओं के लिए समर्थन और धन जुटाएगा जो हिंदू सिद्धांतों और मूल्यों से सहमत हैं और समुदाय की मदद करने और हिंदूफोबिया, हिंदू हेट और इमिग्रेशन (आप्रवासन) की चिंताओं के बारे में बात करने को तैयार हैं.