टोक्यो : जापान में हिरोशिमा पर अमेरिका के परमाणु बम हमले की आज 72 वीं बरसी है जबकि परमाणु हथियारों पर देश का पारंपरिक अंतर विरोध एक बार फिर से उभर कर सामने आ गया है.

पिछले ही महीने, जापान परमाणु हथियारों पर बैन लगाने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक संधि को खारिज करने में परमाणु हथियारों से संपन्न ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका के साथ शामिल हुआ था और यह बरसी उसी पृष्ठभूमि में हो रही है.

जापान एकमात्र देश है जिसपर परमाणु बम बरसाए गए. ये बम 1945 में गिराए गए.

जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क में आयोजित सालाना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जापान को उम्मीद थी कि परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के लिए इस तरह कदम उठाया जाएगा जिससे सभी देश सहमत होंगे.

एबे ने कहा, ‘‘परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के निर्माण के लिए हमें परमाणु हथियार संपन्न और परमाणु हथियार नहीं रखने वाले देश दोनों की भागीदारी की जरूरत है.’’

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संधि की सीधे चर्चा किए बगैर कहा कि परमाणु हथियारों को खत्म करने की दिशा में प्रगति करने के लिए ‘‘हमारा देश दोनों पक्षों को प्रोत्साहित कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध है.’’

जापानी अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु हथियार प्रतिबंध संधि की यह कह कर आलोचना की कि इससे परमाणु हथियार संपन्न देशों और परमाणु हथियार नहीं रखने वाले देशों के बीच विभाजन बढ़ रहा है. संधि पर वार्ता या उसपर मतविभाजन में परमाणु हथियारों से संपन्न नौ देशों में से किसी ने भी हिस्सा नहीं लिया.