इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के संबंधों के इतिहास में एक बड़ा मोड़ आया है. दोनों देशों में रिश्तों को सामान्य करने के लिए सहमति बन गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इस एतिहासिक समझौते की घोषणा की है.


ट्रंप ने ओवल आफिस से कहा, ‘‘49 वर्षों बाद इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात अपने राजनयिक संबंध सामान्य बनाएंगे.’’ ट्रंप ने आगे कहा, ‘‘वे अपने दूतावासों और राजदूतों का आदान प्रदान करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग शुरू करेंगे जिनमें पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, व्यापार और सुरक्षा शामिल हैं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘अब जब शुरूआत हो गई है, मैं उम्मीद करता हूं कि और अरब एवं मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात का अनुसरण करेंगे.’’






इस समझौते की घोषणा के साथ ही यूएई पहला खड़ी का अरब देश बन गया है कि जिसने इजराइल के साथ समझौता किया है. इससे पहले खाड़ी से अलग दो अरब देशों- मिस्र और जॉर्डन ने इजरायल के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किए थे. इजराइल और मिस्र में 1979 में और जॉर्डन और इजराइल में 1994 में समझौता हो चुका है.


इस समझौते के बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक इलाके में कब्जा करने की योजना को टाल दिया है. अमेरिका, इजराइल और यूएई की तरफ से जारी किया गए संयुक्त बयान के मुताबिक  इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे जिनमें- निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दे शामिल होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने  अमेरिका-यूएई-इजराइल की ओर जारी इस संयुक्त बयान को भी ट्वीट किया है.


संयुक्त बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सुप्रीम कमांडर ने गुरुवार को को बात की और इजरायल और यूएई के बीच संबंधों के पूर्ण रूप से सामान्य बनाने सहमति व्यक्त की.

संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘यह ऐतिहासिक कूटनीतिक सफलता पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति को आगे बढ़ाएगी. यह तीनों नेताओं की साहसिक कूटनीति एवं दृष्टि तथा एक नया रास्ता खोलने के संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के साहस को दिखाता है. इससे क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं का निर्माण होगा. तीनों देशों ने एकसमान चुनौतियों का सामना किया है और आज की ऐतिहासिक उपलब्धि से वे पारस्परिक रूप से लाभान्वित होंगे.’’

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