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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट आने में देरी का रहा है इतिहास, जानें नतीजे आने में क्यों होती है देरी

साल 1937 तक, अमेरिकी राष्ट्रपति जनवरी के बजाय मार्च महीने में सत्ता की गद्दी संभालते थे, क्योंकि मुख्य रूप से मतगणना में ही लंबा समय बीत जाता था.

न्यूयॉर्क: अमेरिका के चुनाव नतीजों पर सारी दुनिया की नजरें गड़ी हुई हैं. लेकिन ऐसा भी संभव है कि हम शायद तीन नवंबर को वोटिंग के तुरंत बाद चुनाव का नतीजा न जान सकें. उत्तरी कैरोलिना के चुनावी नतीजों में कम से कम 45 मिनट की देरी हो सकती है. यहां राज्य के इलेक्शन बोर्ड ने तकनीकी समस्याओं के कारण चार मतदान केंद्रों को ज्यादा समय तक खुला रखने की बात कही है. नियम के अनुसार, सभी मतदान केंद्रों पर वोटिंग खत्म होने के बाद ही वोटों की गिनती शुरू होगी.

अमेरिकी चुनाव नतीजों में देरी होना कोई अजीब नहीं है. साल 2000 और इससे पहले भी अमेरिका के चुनावी नतीजों में देरी हो चुकी है. अगर 2000 की बात करें तो चुनाव के एक महीने बाद 12 दिसंबर को अमेरिका और दुनिया के लोगों को चुनावी नतीजों की जानकारी मिल पाई थी. तब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि फ्लोरिडा को वोटों की गिनती बंद करनी चाहिए और जॉर्ज डब्ल्यू बुश बनाम अल गोर के लिए चुनाव कराया जाए.

इससे पहले साल 1937 तक, अमेरिकी राष्ट्रपति जनवरी के बजाय मार्च महीने में सत्ता की गद्दी संभालते थे, क्योंकि मुख्य रूप से मतगणना में ही लंबा समय बीत जाता था. साल 1918 में स्पैनिश फ्लू के दौरान चुनाव आयोजित किए गए थे, लेकिन वे राष्ट्रपति चुनाव नहीं बल्कि मध्यावधि चुनाव थे.

जब 9 महीने तक चली चुनावी लड़ाई... अमेरिकी इतिहास की जानकारी रखने वाले इतिहासकारों का मानना है कि थॉमस जेफरसन बनाम जॉन एडम्स की 1800 में हुई चुनावी लड़ाई 9 महीने तक चली थी. हालांकि वर्तमान चुनाव में नौ महीने का समय किसी और परिदृश में सामने आया है. दरअसल डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को ठीक नौ महीने पहले ही कोरोना वायरस महामारी के बारे में पता चला था और अभी तक महामारी ने अमेरिका में ऐसी तबाही मचाई कि इसकी वजह से 234,000 से अधिक अमेरिकी अपनी जान गंवा चुके हैं.

इस बार चुनाव में क्या है खास यह चुनाव कई मायनों में खास है, क्योंकि इसमें कई चीजें पहली बार देखने को मिल रही हैं. इस बार के चुनाव में एक बात पहली बार देखी जा रही है, वह यह है कि एक अश्वेत और भारतीय अमेरिकी महिला कमला हैरिस एक प्रमुख पार्टी के टिकट पर उप-राष्ट्रपति की दावेदार हैं. इसके अलावा यह पहली बार है जब दोनों राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की उम्र 70 साल से अधिक है. ट्रंप जहां 74 साल के हैं, वहीं बाइडेन 77 साल के हो चुके हैं.

यह भी पहली बार है, जब अमेरिकी चुनाव एक बड़ी वैश्विक महामारी के बीच चल रहा है, जिसने देश के हर एक राज्य में लोगों की जान ली है. अमेरिका ने एक ही दिन में 100,000 कोरोना संक्रमण के मामलों का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है.

ये भी पढ़ें- US Election: ट्रंप ने पोस्टल बैलेट की गिनती पर जताया संदेह, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की US Presidential Election: ट्रंप ने कहा- 'गेम नहीं खेलेंगे, जब जीत होगी, तभी इसकी घोषणा करेंगे'

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