हांगकांग: बीजिंग समर्थक हांगकांग की मुख्य नौकरशाह कैरी लाम ने शनिवार को कहा कि चीन को प्रत्यर्पण की अनुमति देने वाला ‘विभाजक’ विधेयक निलंबित रहेगा. एक सप्ताह तक चले जबरदस्त प्रदर्शनों के बाद लाम ने इस संबंध में अपनी सरकार के रुख में बदलाव किया है. दरअसल, लाम पर इस विवादास्पद विधेयक को रोकने के लिए अपने राजनीतिक सहयोगियों और सलाहकारों का भी दबाव पड़ रहा था.
लाम ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने विधेयक में संशोधन संबंधी प्रक्रिया को स्थगित करने, समाज के सभी तबकों के साथ बातचीत की प्रक्रिया फिर से शुरू करने, और इस सिलसिले में अधिक कार्य करने तथा समाज के विभिन्न विचारों को सुनने का फैसला लिया है.’’
लाम ने कहा, ‘‘इस कार्य के लिए कोई समय सीमा तय करने का हमारा कोई इरादा नहीं है और हम अगला कदम उठाने का फैसला करने से पहले सुरक्षा मामलों पर विधायी परिषद के सदस्यों के साथ मशविरा करने का वादा करते हैं.
लाम ने बुलाई इमरजेंसी बैठक
इस विधेयक पर आलोचना बढ़ने के साथ बीजिंग में कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के बीच भी बेचैनी बढ़ने लगी थी. लाम ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन उसी सरकारी परिसर में किया जिसका इस हफ्ते की शुरूआत में प्रदर्शनकारियों ने घेराव किया था.
साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने बताया कि लाम ने शुक्रवार रात अपने सलाहकारों की एक आपात बैठक बुलाई, जबकि पास के शहर शेंझेन में चीनी अधिकारियों ने भी गतिरोध दूर करने की राह तलाश करने के लिए बैठक की.
जारी रहेगा प्रदर्शन
प्रदर्शन के आयोजक रविवार को भी विशाल रैली करने की योजना बना रहे हैं जिसे लेकर तनाव बढ़ रहा है. बहरहाल, प्रदर्शनकारी इस विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने की मांग कर रहे हैं, ना कि महज टालने के लिए कह रहे हैं.
गौरतलब है कि हांगकांग में 1997 के बाद ये सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन थे. 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपे जाने के दौरान यहां हजारों लोगों ने प्रदर्शन किए थे. बुधवार को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और रबड़ की गोलियां चलाई थीं.
क्या है प्रत्यर्पण कानून?
हांगकांग के प्रत्यर्पण कानून के मुताबिक दुनिया के कई देशों के साथ कोई समझौता नहीं है. इस कारण अगर कोई व्यक्ति अपराध कर हांगकांग पहुंच जाता है तो उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता. चीन भी ऐसे देशों में शामिल है. लेकिन, अब हांगकांग की सरकार इस मौजूदा कानून में संशोधन कर रही है. इसके बाद लोगों को चीन, ताइवान और मकाऊ भी प्रत्यर्पित किया जा सकेगा.
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