वालेटा: लीबिया के एक विमान को शुक्रवार को दो लोगों ने अगवा कर लिया, जिसमें 82 पुरुष, 28 महिलाएं और एक नवजात सहित 118 यात्री सवार थे. विमान के माल्टा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतारे जाने के कुछ घंटों बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. सेबा से त्रिपोली जा रहे अफ्रीकियाह एयरवेज के विमान को शुक्रवार को दो लोगों ने अगवा कर लिया था. बताया गया था कि इस शख्स के पास हथगोला था.


टाइम्स ऑफ माल्टा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, माल्टा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद सभी यात्रियों को रिहा करा लिया गया. विमान के यात्रियों ने दोपहर 1.50 बजे (स्थानीय समयानुसार) के आसपास विमान से बाहर निकलना शुरू किया, जबकि दोनों अपहर्ता दोपहर 3.40 बजे (स्थानीय समयानुसार) विमान से बाहर निकले और सैनिकों के समक्ष समर्पण कर दिया.


रिपोर्ट के मुताबिक, अपहर्ता ने चालक दल को बताया कि वह गद्दाफी समर्थक है और यदि उसकी मांगों को पूरा कर दिया गया तो वह 111 यात्रियों को रिहा कर देगा लेकिन चालक दल को रिहा नहीं करेगा. इससे पहले, माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "सेबा से त्रिपोली जा रहे अफ्रीकियाह एयरवेज के विमान को माल्टा की ओर मोड़ दिया गया और इसे यहां उतारा गया. वैकल्पिक सुरक्षा एवं आपात अभियान के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं."


उन्होंने कहा, "इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि विमान में 111 यात्री सवार हैं जिनमें से 82 पुरुष और 28 महिलाएं और एक नवजात हैं." समाचार एजेंसी लाना के मुताबिक, लीबिया की संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार ने विमान का अपहरण होने और इसे माल्टा में उतारे जाने की पुष्टि की थी. 'टाइम्स ऑफ माल्टा' के मुताबिक, विमान के उतारे जाने के बाद 45 मिनट तक इंजन चालू था. माल्टा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे आने वाली अन्य सभी उड़ान सेवाएं रद्द कर दी गईं या उनकी दिशा बदल दी गई.


भूमध्य की तरफ से माल्टा लीबिया तट से लगभग 500 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. माल्टा में विमान अपहरण की पिछली बड़ी वारदात 23 नवंबर, 1985 को हुई थी, जब इजिप्ट एयर बोइंग 737 विमान को भी इस द्वीप देश की ओर मोड़ दिया गया था. 24 घंटे तक चले बंधक संकट का अंत 62 लोगों की मौत के साथ हुआ था. इस दौरान, मिस्र के कमांडो और अपहर्ताओं के बीच भीषण झड़प हुई थी. तीन में से केवल एक अपहर्ता ही जिंदा पकड़ा जा सका, जिसे बाद में सजा दी गई.


वहीं, 43 साल पहले इराक से माल्टा जा रहे एक जंबोजेट बोईंग 747 विमान को फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने अगवा कर लिया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री डोम मिंटोफ ने अपहर्ताओं से सौदेबाजी कर विमान में मौजूद 247 यात्रियों और आठ विमान परिचारिकाओं को रिहा करा लिया था. ईंधन के बदले यात्रियों व विमान परिचारिकाओं को रिहा कराया गया था. विमान बाद में माल्टा से रवाना हो गया अंतत: अपहर्ताओं ने समर्पण कर दिया था.