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Annexation: पुतिन के एलान के बाद उठ रहा सवाल, कैसे कोई देश दूसरी कंट्री को अपने में मिलाता है? जानिए इसके बारे में सबकुछ

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए हालात और रूसी राष्ट्रपति के ताजा बयानों के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर कोई देश कैसे किसी दूसरे देश को अपने में मिलाता है? आइये जानते हैं.

How Annexation Of A Country Take Place: रूस (Russia) में यूक्रेन (Ukraine) के लुहांस्क (Luhansk) और डोनेट्स्क (Donetsk) को मिलाने के लिए कल (23 सितंबर) से इन क्षेत्रों में जनमत संग्रह (Referendum) शुरू होगा, जो 27 सितंबर तक चलेगा. इन इलाकों के अलगाववादी नेता (Separatist Leaders) और अधिकारी ये जनमत संग्रह कराने जा रहे हैं, जिन्हें रूसी सरकार का समर्थन प्राप्त है. यूक्रेन के खेरसॉन (Kherson) को भी रूस का हिस्सा बनाने के लिए कल से जनमत संग्रह शुरू हो सकता है. वहीं, जैपोरिजिया (Zaporizhzhia) को लेकर भी जनमत संग्रह कराने की मांग की जा रही है, क्योंकि यहां रूसी सेना (Russian Army) का आंशिक कब्जा है. 

लुहांस्क और डोनेट्स्क को लेकर अलगाववादी नेताओं के जनमत संग्रह कराने के फैसले की घोषणा के बाद मंगलवार को यूक्रेन ने रूसी खतरों को खत्म करने की कसम खाई थी. यूक्रेन प्रेसीडेंसी के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक ने कहा था, ''यूक्रेन रूस की समस्या का समाधान करेगा. खतरे को केवल बल से ही समाप्त किया जा सकता है.'' 

यूक्रेनी हिस्सों को रूस में मिलाने पर आने वाले दिनों में बड़ा सैन्य संघर्ष देखने को मिल सकता है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर वर्चस्व हासिल करने के लिए सैनिक जुटाओ अभियान शुरू किया है, जिसके जरिये उन लोगों को सेना में भर्ती किया जाएगा, जिन्होंने इसकी ट्रेनिंग ले रखी है. पुतिन का लक्ष्य ऐसे तीन लाख लोगों को सेना में भर्ती करने का है. पुतिन के इस एलान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कोई देश कैसे दूसरे देश को अपने में मिलाता है? 

एक देश कैसे दूसरे को अपने में मिलाता है?

एक देश को दूसरे में मिलाने के लिए कोई अंतराष्ट्रीय कानून उपलब्ध नहीं है. आमतौर पर अनुलग्नक यानी ऐनक्सेशन कानून इसके लिए अमल में लाया जाता है. आसान भाषा में इसे विलय कानून कह सकते हैं. ऐनक्सेशन को एक तरफा कार्रवाई कहा जाता है. किसी एक जगह को दूसरी में मिलाने के लिए या तो संधि की जाती है या फिर सैन्य बल द्वारा उसे कब्जाया जाता है. इस प्रक्रिया में जनमत संग्रह को शामिल किया जा सकता है. एक सामान्य मान्यता द्वारा ऐनक्सेशन को वैध ठहराया जाता है. 

ऐनक्सेशन के बाद एक आधिकारिक घोषणा की जाती है. उसमें कहा जाता है कि राज्य पर संप्रभु अधिकार स्थापित हो गया है और भविष्य में इसे बनाए रखा जाएगा. इजराइल ने 1981 में गोलन हाइट्स पर कब्जा करने के बाद इस तरह की घोषणा की थी. इसी तरह रूस ने 2014 में क्रीमिया को अपने साथ मिलाने के बाद ऐसा ही एलान किया था.

ऐनक्सेशन को लेकर क्या कहता है संयुक्त राष्ट्र?

संयुक्त राष्ट्र का चार्टर बल पूर्वक किए गए ऐनक्सेशन की निंदा करता है. ऐनक्सेशन की औपचारिकताएं अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा परिभाषित नहीं की गई हैं. 1967 के बाद से कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत माइकल लिंक ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय कानून बहुत स्पष्ट है- संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा विलय और क्षेत्र को अधीन करने की मनाही है. 

ऐनक्सेशन को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून भी स्पष्ट है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के मुताबिक, जब कोई देश किसी दूसरे देश पर कब्जा कर लेता है तो ऐसी स्थिति में उसके लोगों को चौथे जिनेवा कन्वेंशन के लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता है. 

चौथा जिनेवा कन्वेंशन क्या कहता है?

सशस्त्र संघर्ष और कब्जे वाले क्षेत्रों के नागरिकों को चौथे जिनेवा कन्वेंशन के 159 लेखों द्वारा संरक्षित किया गया है. इनमें नागरिकों को हत्या, यातना, क्रूरता और जाति-धर्म, राष्ट्रीयता या राजनीतिक राय के आधार पर भेदभाव से बचाने के लिए कहा गया है.

क्या है अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून?
 
अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को युद्ध के कानून और सशस्त्र संघर्ष के कानून के रूप में भी जाना जाता है. अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का एक बड़ा हिस्सा 1949 के चार जिनेवा सम्मेलनों में से आया, जिन्हें सभी देशों ने अपनाया है. 

यह कानून नियमों का एक समूह है, जो इंसानियत के नाम पर सशस्त्र संघर्ष के प्रभावों को सीमित करने की मांग करता है. यह उन लोगों की रक्षा करता है, जिन्होंने लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया या नहीं ले रहे हैं. यह कानून कहता है कि नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर होता है. इस कानून के मुताबिक, नागरिकों को अनावश्यक कष्ट नहीं पहुंचाया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून युद्ध के साधनों और तरीकों को प्रतिबंधित करता है.

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