एक्सप्लोरर

आम सिखों को पीड़ित बताकर कैसे भेजा जाता है कनाडा, ये आंकड़े करते हैं बड़ा खुलासा?

Canada Immigration Policy: भारत और कनाडा के संबंध कभी बहुत अच्छे नहीं रहे हैं, लेकिन 2022-24 में कनाडा की इमीग्रेशन पॉलिसी से सबसे ज्यादा लाभ भारतीयों को होता दिखता है. 

Canada Immigration Policy For India: कुछ लोगों का एक धड़ा है जो विदेशों में जाकर नागरिकता की मांग करता है, लेकिन इसका तरीका अजीबो-गरीब है. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में बसने के लिए पंजाब के लोगों का एक बड़ा वर्ग खुद को ये दिखाने की कोशिश करता है कि भारत में उनकी प्रताड़ना की जाती है.  बिजनेस लाइन ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से बताया है कि खुद को उत्पीड़न का शिकार बताकर इस तरह की साजिशें खालिस्तानी गतिविधियों का भड़काने में मदद करता है. 

अखबार बताता है कि इसके लिए लोग उस देश को एक पत्र भेजते हैं जहां वे जाना चाहते हैं. इस पत्र में भारत को पुलिस राज्य के तौर पर पेश किया जाता है.  पत्र भेजने में पार्टियों की संलिप्तता भी देखी गई हैं. अखबार लिखता है कि पंजाब की राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल(अमृतसर) ने भी सिखों के लिए दूसरे देशों में ऐसे पत्र तैयार किए हैं. शिरोमणि अकाली दल के नेता सिमरनजीत सिंह मान ने स्वीकार किया था कि उनकी पार्टी ने ऐसे पत्र जारी किए थे. 

सिमरनजीत सिंह मान ने बिजनेसलाइन से बताया था कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है. सिख समुदाय ऑपरेशन ब्लू स्टार और दंगों से डरी हुई है. इसलिए लोग विदेशों में राजनीतिक शरण तलाश रहे हैं. 

कनाडा की इमीग्रेशन पॉलिसी

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने साल 2018 में कनाडा की इमीग्रेशन पॉलिसी को लचीला कर दिया था. ट्रूडो ने तब घोषणा की थी कि आने वाले तीन सालों में कनाडा में 12 लाख लोगों को स्थायी दर्जा दिया जाएगा, लेकिन कोविड-19 की वजह से इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका. इसके बाद कनाडा सरकार ने इस लक्ष्य को बढ़ाकर 15 लाख कर दिया. कनाडा की इमीग्रेशन पॉलिसी की सबसे कमजोर कड़ी है कि वहां बसने के लिए नौकरी का होना अनिवार्य नहीं है. 

क्या भारत के लिए ज्यादा उदार है कनाडा की इमीग्रेशन पॉलिसी?

वैसे तो भारत और कनाडा के संबंध कभी बहुत अच्छे नहीं रहे हैं, लेकिन 2022-24 में कनाडा की इमीग्रेशन पॉलिसी से सबसे ज्यादा लाभ भारतीयों को होता दिखता है. आकंडो के मुताबिक, कनाडा ने घोषणा की थी कि वह 2022 में 431,000 से ज्यादा, 2023 में 447,055 और 2024 में 451,000 से ज्यादा प्रवासी को देश नागरिक बनाएगा. इनमें 50,000 से  ज्यादा लोगों को स्थायी निवासी बनने के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. बिजनेस लाइन ने रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि 2020 में 27,000 से ज्यादा भारतीयों ने कनाडा में बसने की इजाजत मिली.

कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों की क्या है वजह?

6 जून  2023 को कनाडा के ब्रैंपटन शहर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39 वीं बरसी मनाई गई थी. इसमें पांच किलोमीटर लंबी जूलूस यात्रा की गई थी. इस जूलूस के दौरान खुलेआम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक पुतले को खून से लथपथ दिखाया गया था और इसके साथ ही एक पोस्टर में लिखा था-  'दरबार साहिब पर हमले का बदला'. 

बीते दशक में कनाडा में भारत से जाने वाले लोगों का ग्राफ कई गुना बढ़ता हुआ दिखा है. कनाडा के इमीग्रेशन एंड रिफ्यूजी बोर्ड की आंकडों के मुताबिक भारत की ओर से साल 2013 में सिर्फ 225 लोगों ने देश में शरण लेने के लिए आवेदन दिए थे, लेकिन साल 2021 में ये संख्या बढ़कर 2642 हो गई. कनाडा ने ये आंकडा 'उत्पीड़न देशों के शरणार्थी' के तौर पर पेश किया था. 

क्या है कनाडा का प्वाइंट बेस्ड इमीग्रेशन मॉडल?

बीबीसी के मुताबिक कनाडा में इमीग्रेशन का पुराना इतिहास रहा है. दूसरे विश्वयुद्ध के कनाडा ने अपने यहां लोगों को बसाना शुरू कर दिया ताकि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाई जा सके. 

1960 के दशक में कनाडा ने पॉइंट बेस्ड इमिग्रेशन मॉडल को लोगों को बसाने के लिए अमल में लाया. गौरतलब हो कनाडा ऐसा करने वाला पहला देश है. 

इस मॉडल के तहत लोगों को उनकी पढ़ाई, जानकारी, रिश्तेदारी की एवज में कुछ अंक दिए जाएंगे, बाद में इन अंकों के आधार पर ये तय किया जाएगा कि व्यक्ति को किस स्तर को नागरिकता दी जाएगी. 

ये भी पढ़ें:

 जस्टिन ट्रूडो ही नहीं, उनके पिता भी थे खालिस्तानी आतंकियों के समर्थक, इंदिरा गांधी से इस बात को लेकर हुई थी तल्खी

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज...इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं Dharmendra, चोरी-चुपके जाते थे फिल्में देखने
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज, इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं धर्मेंद्र
IND vs BAN: टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Lebanon Israel War: खतरे में लेबनान का फ्यूचर, बज गया सिविल वॉर का हूटर? | America | ABP NewsHaryana Election: Arvind Kejriwal के RSS से सवाल...हरियाणा तक बवाल | AAP | ABP NewsHindustan Shikhar Samagam: Jagat Singh को ऐसे मिली जंगली की उपाधी | ABP News'प्रकृति को बिना नुकसान किए कैसे स्वस्थ रहें' देवभूमि के 'गुमनाम नायकों' का खास Interview | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज...इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं Dharmendra, चोरी-चुपके जाते थे फिल्में देखने
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज, इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं धर्मेंद्र
IND vs BAN: टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
Coldplay Concert: कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट की कीमत लाखों तक पहुंची, ऐसी दीवानगी कि बुकिंग साइट हुई क्रेश
कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट की कीमत लाखों तक पहुंची, ऐसी दीवानगी कि बुकिंग साइट हुई क्रेश
'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले डिप्टी CM पवन कल्याण
'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले पवन कल्याण
दुनिया के किस देश में हैं सबसे ज्यादा दूतावास, किस नंबर पर आता है अपना भारत?
दुनिया के किस देश में हैं सबसे ज्यादा दूतावास, किस नंबर पर आता है अपना भारत?
AI से कैसे होगा सर्वाइकल कैंसर का इलाज, क्या दूसरी बीमारियों में भी काम आएगी ये तकनीक?
AI से कैसे होगा सर्वाइकल कैंसर का इलाज, कितनी कारगर है ये तकनीक
Embed widget