तंजानिया में एक मामूली खान मजदूर रातो रात अरबपति बन गया. उसे खुदाई के दौरान बेशकीमती और दुर्लभ दो पत्थर मिले. जिसने उसकी किस्मत का दरवाजा खोल दिया. बेशकीमती और दुर्लभ पत्थरों को बेचकर उसने 25 करोड़ की कमाई की.


खुदाई के दौरान 52 साल के सैनू नाम के मजदूर को दो अलग-अलग वजन का बेशकीमती पत्थर मिला. एक मणि पत्थर 9.27 किलो का मिला जबकि दूसरे पत्थर का वजन 5.103 किलो मापा गया. खान मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी दी. एक सप्ताह बाद सैनू लेजर बुधवार को बेशकीमती पत्थरों को बेचकर खरबपति बन गया. उसे दोनों पत्थरों की बिकवाली से 25 करोड़ रुपये हासिल हुए. बेशकीमती पत्थरों के मिलने और उसके भाग्यशाली बनने की चर्चा राष्ट्रपति जॉन मगुफुली तक पहुंची.


बेशकीमती पत्थर बेचकर मजदूर हुआ मालामाल


उन्होंने फोन कर सैनू लेजर को बधाई दी. राष्ट्रपति ने कहा कि छोटे मजदूरों का फायद साबित करता है कि तंजानिया अमीर है. आपको बता दें कि चुनाव से पहले मगुफुली अवैध खनन का मुद्दा खूब जोर शोर से उठाते रहे हैं. 2015 में उन्होंने खनन क्षेत्र में राष्ट्र की संपत्ति और इससे सरकार की आमदनी बढ़ाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे. तंजेनाइट पत्थर मुल्क के उत्तरी हिस्सों में कई रंगों में पाया जाता है. बेशकीमती पत्थर अपनी चमक के कारण लोगों को आकर्षित करता है.  जमीन में पाए जानेवाले मणि पत्थर से जेवरात बनाए जाते हैं. ये दुनिया के दुर्लभ पत्थरों में गिना जाता है. हरा, लाल, परपल और नीले रंगों में तंजेनाइट पत्थर मूल्यवान होता है.


खुदाई में मिले अलग-अलग वजन के दो मणि-पत्थर


इसके मूल्य का अंदाजा इसकी शुद्धता के जरिए आंका जाता है. जितना ज्यादा रंग साफ होगा उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होगी. अचानक दौलतमंद बनने पर लैजुर ने कहा, "जश्न की खुशी में कार्यक्रम आयोजित करेंगे." उनकी योजना रकम को अपने समुदाय की भलाई पर खर्च करने की है. उन्होंने कहा, "मैं एक शॉपिंग मॉल और एक दुकान खोलना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि निर्माण होनेवाला स्कूल मेरे घर के नजदीक रहे. यहां बहुत सारे गरीब अभिभावक हैं जो बच्चों को स्कूल तक भेजने में सक्षम नहीं हैं. मैं पढ़ा लिखा लिखा नहीं हूं मगर प्रोफेशनल तरीके से काम करना पसंद करता हूं. इसलिए मैं अपने बच्चों से भी यही अपेक्षा करूंगा कि काम को प्रोफेशनली अंजाम दें." लैजुर की चार पत्नियां और 30 से ज्यादा बच्चे हैं.


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