तीन महीनों में कोरोना वायरस ने दुनिया के सामने विकट स्थिति पैदा कर दी है. स्वास्थ्य मोर्चे से पैदा हुई चिंता ने देशों की अर्थव्यवस्था तक को डांवाडोल कर दिया है. समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये कैसे हुआ ? क्यों कई मुल्कों को लॉकडाउन करना पड़ा ?


चीन के वुहान शहर में दिसंबर महीने में न्यूमोनिया के मामले सामने आए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल 8 जनवरी को नया कोरोना वायरस के बारे में बताया. दिसंबर में 59 लोगों में सांस संबंधी बीमारी का लक्षण पाया गया. जिन लोगों में बीमारी की पुष्टि हुई उनमें वुहान बाजार में मांस ब्रिकेता थे. चीन में 11 जनवरी को वायरस से पहली मौत का एलान किया गया. उसके बाद इसने महामारी की शक्ल अख्तियार कर ली. महामारी के फैलाव को रोकने के लिए चीन के वुहान शहर को लॉकडाउन किया गया. उसके बाद 25 जनवरी को हुबेई प्रांत को अधिकारियों ने लॉकडाउन कर दिया. जनवरी के अंत में आधिकारिक तौर पर मेनलैंड चाइना में 6 हजार नए कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे देखते हुए वैश्विक स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित किया. फरवरी के शुरू में चीन में शोधकर्ताओं ने दावा किया कि चमगादड़ों से इंसानों में आए इस वायरस का वाहक पैंगलिन है.


जनवरी के आखिर में फ्रांस यूरोप का पहला देश था जहां इसका मामला सामने आया. एशिया से बाहर पहली मौत का एलान 15 फरवरी को फ्रांस में किया गया. फरवरी के अंत तक संक्रमण के मामले खास तौर पर इटली, दक्षिण कोरिया और ईरान में बढ़ने लगे. 6 मार्च को दुनिया भर में पीड़ितों की संख्या एक लाख से ज्यादा पार कर गई. 24 मार्च को ओलंपिक कमेटी ने टोक्यो में होनेवाले खेलों के स्थगन का फैसला लिया. 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया और दुनिया के देशों से कार्रवाई करने का आह्वान किया.


मार्च के महीने में नए वायरस का केंद्र यूरोप बना. इस दौरान स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन ने लोगों को घरों में रहने का आदेश दिया. मार्च में इटली में सबसे ज्यादा करीब 10 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी. अप्रैल के शुरू में दुनिया में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या 10 लाख से ज्यादा जबकि मरनेवालों की तादाद 60 हजार के करीब पहुंच गई. महामारी से त्राहिमाम कर रहे इटली में चीन के बाद लोगों पर सख्त बंदिश लगाई गई. मार्च के अंत में संयुक्त राष्ट्र संघ ने नई महामारी को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की वैश्विक समस्या बताया. उसने चेताया कि दुनिया को संघर्ष और आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है.


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