कश्मीर से लेकर परमाणु परीक्षण तक कनाडा भारत के खिलाफ खड़ा रहा, रिश्तों के बिगड़ने की कहां से हुई शुरुआत, अब तक कैसे रहे हैं राजनयिक संबंध ?
India- Canada Bilateral Relation: भारत और कनाडा के बीच हमेशा से तनाव भरे संबंध रहे हैं, कश्मीर से लेकर परमाणु परीक्षण तक कनाडा भारत के खिलाफ खड़ा दिखा है.
![कश्मीर से लेकर परमाणु परीक्षण तक कनाडा भारत के खिलाफ खड़ा रहा, रिश्तों के बिगड़ने की कहां से हुई शुरुआत, अब तक कैसे रहे हैं राजनयिक संबंध ? how india Canada Relation got in tension how Relation of these country began कश्मीर से लेकर परमाणु परीक्षण तक कनाडा भारत के खिलाफ खड़ा रहा, रिश्तों के बिगड़ने की कहां से हुई शुरुआत, अब तक कैसे रहे हैं राजनयिक संबंध ?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/20/d913f09473b15d670084e5129ed33fd31695185411686843_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
India- Canada Diplomatic Relation: जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जस्टिन ट्रूडो के साथ मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर कड़ा रूख अपनाया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञाप्ति के जरिए बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में हमारी कड़ी चिंताओं से अवगत कराया. वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा और उनके पूजा स्थलों में भारतीय समुदाय को धमकी दे रहे हैं."
कनाडा लौटने के कुछ दिन बाद ही जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता होने की आशंका जताई. इसी क्रम में कनाडा ने ओटावा में भारत के शीर्ष राजनयिक पवन कुमार राय को वापस भारत भेजने की घोषणा कर दी.
इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय ने भी नई दिल्ली में कनाडा के शीर्ष राजनयिक कैमरून मैके को तलब किया और 5 दिनों के भीतर देश छोड़ना का आदेश दिया.
कब से है भारत- कनाडा के राजनायिक संबंध?
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों की शुरूआत 1947 के बाद से यानी आजादी के बाद से ही स्थापित हैं. यानी देश की आजादी और भारत-कनाडा के रिश्ते की उम्र लगभग एक समान ही है.
लेकिन संबंधों में तनाव की शुरूआत भी कमोवेश यहीं से शुरू हो गई थी. साल 1948 में कनाडा ने कश्मीर में जनमत संग्रह को अपना समर्थन दिया था. हालांकि कनाडा ने 1951 में भारत के लिए खाद्य, प्रोजेक्ट फाइनेंस, तकनीकी मदद भी दी. इसके बाद समय-समय पर भारत और कनाडा के संबंध तनाव भरे रहे. साल 1974 में कनाडा ने भारत के परमाणु परीक्षण को लेकर घोर आपत्ति दर्ज की थी. बाद में 1998 में भी परमाणु परीक्षण के बाद देशों के बीच तनाव अपने चरम पर था.
हालांकि 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट पर सिख अलगाववादियों ने बमबारी की थी, जिसके बाद भी भारत ने कनाडा के साथ आतंकवाद विरोधी द्विपक्षीय वार्ता जारी रखी थी. एयर इंडिया फ्लाइट बम विस्फोट में कुल 326 लोगों की मौत हुई थी, इस मामले में करीब बीस साल लंबी जांच चली. साल 2005 में कनाडा की अदालत ने दो आरोपियों की बरी कर दिया था, जिसके बाद भारत ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी.
1990 के दौर में भारत ने जब दुनिया को अपने यहां निवेश करने का मौका दिया तब कनाडा ने भारत के साथ अपने रिश्ते में नरमी लाई. कनाडा ने भारत के परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन साल 2001 में कनाडा ने सभी प्रतिबंध हटा लिए थे. कनाडा के प्रधान मंत्री जीन चेरेतिन ने जनवरी 1996 में दो कैबिनेट मंत्रियों और 300 व्यापारिक हस्तियों के साथ भारत में एक राजनयिक मिशन का दौरा किया.
साल 2010 में भारत और कनाडा के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत शुरू हुई थी. इसी साल तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जी-20 में शिरकत करने के लिए कनाडा का दौरा किया था. वहां उन्होंने कनाडा के साथ सिविल न्यूक्लियर समझौता किया था.
मौजूदा तनाव की क्या वजह क्या है?
भारत और कनाडा के बीच हाल के समय में तनाव के पीछे इसी साल 6 जून को कनाडा के ब्रैंपटन शहर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39 वीं बरसी मनाई गई, इसके लिए अलगाववादियों ने पांच किलोमीटर लंबी जूलूस यात्रा निकाली थी. इस जूलूस में इंदिरा गांधी की हत्या की एक दृश्य को एक गाड़ी पर दिखाया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जूलूस में इंदिरा गांधी की तरह दिखने वाली एक पुतले को खून से सना हुआ दिखाया गया, जिस पर दो सिखों ने बंदूकें तान रखी थीं. इसके साथ ही एक पोस्टर में लिखा था- 'दरबार साहिब पर हमले का बदला'
हालांकि तब भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके (जिन्हें अब भारत से बाहर जाने का आदेश मिला है) ने एक्स (तब ट्विटर) पर लिखा था, "भारत में कनाडा के उच्चायोग ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि कनाडा में नफ़रत और हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है."
कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, "मैं दंग हूं जिसमें दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया है."
कैमरन मैके ने कहा था, "कनाडा में नफरत और हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है. मैं इस तरह की गतिविधियों की स्पष्ट तौर से निंदा करता हूं."
I am appalled by reports of an event in Canada that celebrated the assassination of late Indian Prime Minister Indira Gandhi. There is no place in Canada for hate or for the glorification of violence. I categorically condemn these activities.
— Cameron MacKay (@HCCanInd) June 7, 2023
कनाडा और भारत में कितना है व्यापार?
कनाडा सरकार के मुताबिक, साल 2022 तक भारत कनाडा के 10वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर रहा है. साल 2022-23 कनाडा ने भारत को 4.05 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया, वहीं इस दौरान भारत ने 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया है. भारत और कनाडा के बीच न्यूक्लियर सहयोग, दोहरे टैक्स, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एग्रीकल्चर, एनर्जी, शिक्षा को लेकर कुछ समझौते और द्विपक्षीय करार हैं.
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