एक ताजा रिसर्च के मुताबिक, दुनिया में पक्षियों की कुल आबादी 50 अरब  होने का अनुमान लगाया गया है. गौरया की जनसंख्या 1.6 अरब, यूरोपीय मैना की तादाद 1.3 अरब, बार्न चिड़िया की तादाद 1.1 अरब है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पक्षियों की कई नस्लें बहुत दुर्लभ होने की कगार पर हैं. दस में से एक नस्ल की तादाद मात्र पांच हजार से भी कम रह गई है.  ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के रिसर्च खुलासा हुआ.


हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि गिनती होने से पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण की कोशिश में मदद मिलेगी. प्रजाति दर प्रजाति पक्षियों की दुनिया में संख्या के अनुमान लगाने का ये पहला प्रयास है. उन्होंने कहा, "हम इंसानों की जनसंख्या गिनने में बहुत ज्यादा समय लगाते और प्रयास करते हैं, लेकिन हमें जरूरत है जैव विविधता पर निगरानी रखने की जिनसे हमारी धरती का संबंध है." रिसर्च को प्रोसिडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस में प्रकाशित किया गया है. उसमें विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रहे पेशेवर संगठनों और वैज्ञानिकों के इकट्ठा किए गए डेटा का इस्तेमाल किया गया और दुनिया की सभी 92 फीसद एवियन प्रजातियों को शामिल किया गया.


रिसर्च के मुताबिक यूरोप, उत्तरी एशिया, उत्तरी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में पक्षियों की बहुत बड़ी तादाद है. वैज्ञानिक बहुत कम प्रजातियों का पता लगाकर हैरान नहीं हुए और उसमें बहुत सारी दुर्लभ की श्रेणी में थीं, जैसा कि पारिस्थितिकी विज्ञान में आम पैटर्न है. कुल मिलाकर उन्होंने अदांजा लगाया कि 1,180 पक्षी की प्रजातियों की संख्या कुल आबादी का 5 हजार से भी कम है. गौरतलब है कि दुनिया में मौजूद पक्षियों का सटीक आंकड़ा मालूम करना बेहद जटिल काम है और उसका कोई अंतिम जवाब नहीं है. कुछ वर्षों में वैज्ञानिक अनुमान लगाने का दूसरा प्रयास करेंगे. 


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