ब्रसेल्स: यूरोप (Europe) में युद्ध की आहट के बीच यूक्रेन के अलगाववादी नियंत्रित क्षेत्रों में सैनिक तैनात करने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के आदेश से दुनियाभर के नेता स्तब्ध हैं और अब वे इस बात गौर कर रहे हैं कि कैसे इसपर अपनी प्रतिक्रिया को ज्यादा से ज्यादा प्रभावशाली बनाएं.
जर्मनी (Germany) ने पहला बड़ा कदम उठाया और रूस से ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2’ गैस पाइपलाइन के प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी. यह मॉस्को के लिए एक आकर्षक सौदा था और रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर यूरोप की निर्भरता बढ़ने की अमेरिका ने आलोचना की थी.
पश्चिम का कहना है कि यूक्रेन में पुतिन के कदमों ने अनगिनत अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन किया है और चूंकि कूटनीति के शब्द विफल हो गए, इसलिए कार्रवाई की ओर बढ़ने का समय आ गया है.
‘यह यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन’
रूस का कहना है कि वह पूर्वी यूक्रेन में "शांतिरक्षकों" को भेज रहा है, लेकिन यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन है. बोरेल ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक पूर्ण आक्रमण है, लेकिन रूसी सैनिक यूक्रेन की धरती पर हैं."
नवीनतम घटनाक्रम 27 देशों वाले संघ को ‘हाई अलर्ट मोड’ में जाने पर मजबूर करने के लिए पर्याप्त है और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री मंगलवार को बाद में निर्णय करेंगे कि प्रतिबंधों के पहले सिलसिले को कितना गहरा किया जाए.
लिथुआनियाई प्रधानमंत्री इंग्रिडा सिमोनिटे और ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहैमेर ने घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए कार्रवाई की आवश्यकता बताई. नेहैमेर ने कहा, ‘‘कई तरह के प्रतिबंध विकल्प हैं जिन्हें अब लक्षित तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है.’’
एशियाई देश भी चिंतित
संघर्ष यूक्रेन को तबाह कर सकता है और पूरे यूरोप में भारी आर्थिक क्षति का कारण बन सकता है, जो रूसी ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर है. घटनाक्रम से एशियाई देश भी चिंतित हैं.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर यूक्रेन संकट और अधिक गहराता है तथा अमेरिका समर्थित राष्ट्र रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाते हैं तो दक्षिण कोरिया में आर्थिक गिरावट से निपटने के लिए तैयार रहें.
पुतिन ने मौजूदा संकट के लिए नाटो को जिम्मेदार ठहराया और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन को रूस के लिए एक संभावित खतरा बताया.
क्या कहना है विभिन्न देशों का?
न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानिया महुता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पुतिन के लिए यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने का कोई आधार नहीं है.
नाटो सदस्य तुर्की, जिसके यूक्रेन और रूस दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, ने पूर्वी यूक्रेन में क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के मॉस्को के फैसले की आलोचना की. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, "हम रूस के इस फैसले को अस्वीकार्य मानते हैं. हम पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने का अपना आह्वान दोहराते हैं." रूस के पारंपरिक सहयोगी चीन ने संयम बरतने और संकट के कूटनीतिक समाधान का आह्वान करते हुए सधी हुई टिप्पणी की.
वहीं, व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में निवेश और व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया.
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