(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
CCP कांग्रेस से बाहर किए जाने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखे हू जिंताओ, जिनपिंग ने ऐसे लिया था बदला
Xi Jinping के एक कदम से स्पष्ट हो गया है कि जो उनका समर्थन करेगा वही चीन की सत्ता पर रहेगा. उनका विरोध मतलब सत्ता से हाथ धोना होगा. हू जिंताओ के साथ जो हुआ वो एक उदाहरण भर था.
China Hu Jintao: अक्टूबर में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को कांग्रेस से निकाले जाने के बाद चीन के पूर्व राष्ट्रपति हूं जिंताओ (Ex-President) को पहली बार सार्वजनिक रूप से देखा गया है. सोमवार (5 दिसंबर) को उन्होंने अपने दिवंगत पूर्ववर्ती जियांग जेमिन को श्रद्धांजलि दी थी. इससे पहले, अक्टूबर में हू को कांग्रेस के समापन समारोह से अपनी कुर्सी से हटा दिया गया था. यह एक असामान्य घटना थी, जिसे पूरी दुनिया ने देखा. सीसीपी (CCP) की कांग्रेस में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगाई गई थी.
हालांकि, बाद में चीनी स्टेट मीडिया ने जानकारी दी कि हू जिंताओ को बैठक में अस्वस्थ महसूस कर रहे थे और उन्हें शी ने हॉल छोड़ने के लिए मजबूर किया था. उनको हॉल से बाहर किए जाने का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें हू बार-बार शी से बात करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अधिकारी उन्हें जबरन बाहर ले गए.
शीर्ष नेताओं के साथ दिखे हू जिंताओ
स्टेट ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के फुटेज से पता चलता है कि सोमवार की सुबह जियांग के अंतिम संस्कार से पहले बीजिंग में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी जनरल अस्पताल में हू जिंताओ अन्य शीर्ष नेताओं के साथ दिखाई दिए थे. हू वहां भी अस्वस्थ नजर आ रहे थे और एक अधिकारी की मदद से चल रहे थे.
विरोधियों को शी जिनपिंग ने दिया था संदेश
अक्टूबर की कांग्रेस में शी जिनपिंग को अगले पांच साल की अवधि के लिए पार्टी के महासचिव के रूप में नियुक्ति किया गया था. इससे पहले, हू जिंताओ दो कार्यकाल (10 साल) के लिए चीन के राष्ट्रपति रहे थे. कुछ लोगों का मानना था कि हू को अप्रत्याशित रूप से हटाने का मतलब पार्टी में उन लोगों को एक मजबूत राजनीतिक संदेश देना था जो शी के राज्याभिषेक का विरोध कर सकते थे.
टॉप लीडरशिप में भी शी के करीबी
शी जिनपिंग ने पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में भी अपने करीबियों को जगह दी. एक और हैरानी की बात थी कि पहली बार चीन की टॉप लीडरशिप में एक भी महिला नहीं थी. शी जिनपिंग ने अपने इस कदम से स्पष्ट कर दिया कि जो उनका समर्थन करेगा वही चीन की सत्ता पर रहेगा. उनका विरोध मतलब सत्ता से हाथ धोना होगा. ऐसे में किसी भी नेता ने शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल का बिल्कुल भी विरोध नहीं किया.
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