वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का ताजा बयान चीन की नींद उड़ाने वाला है. माइक पोम्पियो ने आरोप लगाया है कि अपनी टेलीकॉम कंपनियों के जरिए चीन जासूसी का साम्राज्य चलाता है जिससे दुनिया छुटकारा चाहती है. पोम्पियो ने कहा, दुनिया में चीनी कंपनी हुआवेई के खिलाफ माहौल बन रहा है क्योंकि लोग चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के जासूसी के खतरे को समझने लगे हैं.


माइक पोम्पियो ने कहा, दुनिया भर में टेलिकम्यूनिकेशन ऑपरेटर्स के साथ चीनी हुआवेई कंपनी की डील टूट रही हैं क्योंकि अब देश सिर्फ भरोसेमंद 5G नेटवर्क को अनुमति दे रहे हैं. जिसमें शामिल हैं चेक रिपब्लिक, पोलैंड, स्वीडन, रोमानिया डेनमार्क और ग्रीस.


चीन करता है जासूसी!
अमेरिकी विदेश मंत्री का कहना है कि अब चीन के खिलाफ अमेरिका क्लीन टेल्कोस को बढावा देने की तैयारी में है. क्लीन टेल्कोस यानी ऐसी कंपनियां जिनका चीन से कोई वास्ता नहीं है. दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियां अब क्लीन टेल्कोस बन रही हैं. फ्रांस में ओरेंज, भारत में जियो, ऑस्ट्रेलिया में टेलेस्ट्रा, दक्षिण कोरिया में एसके और केटी और जापान में NTT. कनाडा ने भी एरिक्सन, नोकिया और सेमसंग के साथ जाने का फैसला लिया क्योंकि कनाडा में जनता हुआवेई के खिलाफ थी.


चीन पर लंबे वक्त से आरोप लगता रहा है कि वो अपने टेलीकॉम कंपनियों के जरिए दूसरे देशों की जासूसी और डेटा चोरी करवाता रहा है. अमेरिका ने छात्रों के जरिए जासूसी का आरोप लगाते हुए चीनी सेना से जुड़े छात्रों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं चीन पर सीमा पर तनाव भड़काने और कोरोना की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया.


अमेरिका समेत दुनिया के कई देश आरोप लगा रहे हैं कि चीन ने कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाई और कोरोना को दुनिया में फैलने दिया. ट्रंप को कोरोना को चीनी वायरस और कुंग-फ्लू जैसे नाम दे चुके हैं. वहीं चीन इस बात से ही इंकार कर रहा है कि कोरोना चीन से फैला है. इसके लिए वो तरह-तरह के तर्क ढूंढ रहा है. लेकिन अमेरिका लगातार कह रहा है कि दुनिया में एक करोड़ के करीब पहुंचे केसों और पौने पांच लाख मौतों के लिए सिर्फ और सिर्फ चीन जिम्मेदार है.


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