Pakistan: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को धार्मिक उत्पीड़न से बचाने के लिए मानवाधिकार संगठनों ने की कानून बनाने की मांग
Human Rights Group In Pakistan: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ उनके कार्यस्थल पर धार्मिक उत्पीड़न और उत्पीड़न न हो इसको लेकर ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान कानून की मांग कर रहा है.
Pakistan: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का शोषण और अत्याचार किसी से छिपा नहीं है. अल्पसंख्यकों के पूजास्थलों में तोड़फोड़, बहन-बेटियों पर अत्याचार की घटनाएं अकसर सामने आती ही रहती हैं. इस बीच, अब ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) ने महविश इरम और इरफान तारिक मसीह के लिए न्याय की मांग की है, जो ईसाई अल्पसंख्यक थे और उन्हें अपने कार्यस्थलों पर धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था.
आरोपों के मुताबिक महविश को परेशान करने के साथ ही ब्लैकमेल किया गया था, जबकि इरफान के साथ हिंसा की गई थी. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) कार्यस्थलों पर अल्पसंख्यक कर्मचारियों के साथ भेदभाव, हिंसा और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को उठा रहा है. इसके साथ ही, मानवाधिकार समूह कार्यस्थल पर अल्पसंख्यकों को धार्मिक उत्पीड़न से बचाने के लिए कानून की मांग कर रहा है.
हाई प्रोफाइल नौकरियों में भी अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना
एचआरएफपी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि वह कार्यस्थलों पर अल्पसंख्यक कर्मचारियों के साथ भेदभाव, हिंसा और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंतित है. यहां तक कि हाई प्रोफाइल नौकरियों में भी, जैसे जरनवाला के डिप्टी कमिश्नर शौकत मसीह को भेदभाव का सामना करना पड़ा, उन पर 16 अगस्त, 2023 को और उनके घर पर हमला हुआ और उनका घर जला दिया गया था. हालांकि उन्होंने अपनी जान वहां से भागकर बचाई.
एचआरएफपी ने कई घटनाओं का किया जिक्र
एचआरएफपी ने कई केस अध्ययनों का हवाला दिया और कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्हें धार्मिक भेदभाव के कारण 'पक्षपातपूर्ण व्यवहार' का सामना करना पड़ा है. जैसे, कराची की एक हवाईअड्डा सुरक्षा अधिकारी समीना मुश्ताक को 5 जनवरी, 2023 को धमकी दी गई और उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया, जब उन्होंने अपने सहकर्मी को कुछ भी अवैध काम करने से रोका था.
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