यूनुस सरकार की खुली पोल, मानवाधिकार रिपोर्ट में खुलासा, बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों के निशाने पर हिंदू समुदाय
'मानसून क्रांति के बाद: बांग्लादेश में सुरक्षा क्षेत्र में स्थायी सुधार के लिए रोडमैप' शीर्षक वाली 50 पन्नों की रिपोर्ट में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को कई सिफारिशें दी गई हैं.
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कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले समूह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदू और अहमदिया समुदायों पर हमला कर रहे हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में यह खुलासा किया है.
रिपोर्ट में पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटाए जाने के बाद देश में सुरक्षा बलों के गलत इस्तेमाल के 'एक परेशान करने वाले पैटर्न' को भी उजागर किया गया, जिसमें अवामी लीग के समर्थकों और पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है.
'मानसून क्रांति के बाद: बांग्लादेश में सुरक्षा क्षेत्र में स्थायी सुधार के लिए रोडमैप' शीर्षक वाली 50 पन्नों की रिपोर्ट में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को कई सिफारिशें दी गई हैं.
रिपोर्ट में हसीना सरकार के पतन के बाद से हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों का उल्लेख किया गया है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा हुई है.
कई टिप्पणीकारों ने एचआरडब्ल्यू को बताया कि हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि वे पारंपरिक रूप से शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी का समर्थन करते थे.
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि 'हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक हमलों के बार-बार आरोप लग रहे हैं और पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है."
इसमें हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को भी बांग्लादेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए 'एक और चिंताजनक संकेत' बताया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया, "दास की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता बढ़ रही हैं. अंतरिम सरकार ने पुष्टि की है कि 5 अगस्त से 22 अक्टूबर के बीच सांप्रदायिक हिंसा के कम से कम 88 मामले दर्ज किए गए और 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया. हिंदू समूहों का कहना है कि हिंदू व्यवसायों, घरों और पूजा स्थलों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ की सैकड़ों घटनाएं हुई हैं."
न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संगठन ने यह भी सुझाव दिया कि अंतरिम सरकार को तुरंत यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी मनमाने ढंग से या गैरकानूनी तरीके से हिरासत में न लिया जाए.
रिपोर्ट के अनुसार, 6 अगस्त से 25 सितंबर के बीच बांग्लादेश पुलिस ने 92,486 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए, जिनमें से अधिकांश हत्या से संबंधित थे. लगभग 400 पूर्व मंत्रियों, संसद सदस्यों और अवामी लीग के अन्य पदाधिकारियों को 1,170 से अधिक मामलों में नामजद किया गया , जिनमें सैकड़ों अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं। शेख हसीना के खिलाफ 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि नवंबर तक ढाका में अधिकारियों ने 'छात्र क्रांति' पर रिपोर्टिंग के संबंध में कम से कम 140 पत्रकारों के खिलाफ हत्या के आरोप दर्ज किए और आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आवश्यक 150 से अधिक प्रेस मान्यताएं रद्द कर दी हैं.
एचआरडब्ल्यू ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को सलाह दी कि वह स्थायी परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र बनाने हेतु संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में प्रस्ताव लाए.
इसमें कहा गया है कि यह रिपोर्ट बांग्लादेश में गहन शोध के साथ-साथ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, अंतरिम सरकार के सदस्यों, वर्तमान और पूर्व कानून प्रवर्तन और सैन्य अधिकारियों के साथ हाल के साक्षात्कारों पर आधारित है.
एमके/
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