Ministry of External Affairs: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने रविवार को कहा कि लीबिया में फंसे भारतीयों को एनसीएम ने विदेश मंत्रालय और ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास की मदद से निकाला है. रविवार को मीडिया से बात करते हुए इकबाल सिंह लालपुरा ने भारतीयों के निकाले जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एनसीएम लगातार अल्पसंख्यकों के लिए काम करती है ताकि उन पर कोई अत्याचार न हो.
ताकि कोई समस्या न हो
इकबाल सिंह ने आगे कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग विदेश मंत्री के साथ लगातार चर्चा कर रहा है ताकि भारत के बाहर रहने वाले अल्पसंख्यकों को कोई समस्या न हो. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि यह घटना फरवरी में सामने आई थी कि कुछ लोगों को अवैध तरीके से भारत से दुबई और फिर लीबिया ले जाया गया. जैसे ही एनसीएम को स्थिति के बारे में पता चला, उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की क्योंकि भारत का लीबिया में दूतावास नहीं है.
बाकी बचे आठ लोग भारत वापस आए
उन्होंने बताया कि फंसे हुए भारतीय घायल हो गए थे और भोजन या पानी की कमी का भी सामना कर रहे हैं. सबसे पहले चार लोगों को बचाया गया और वे 13 फरवरी को अपने घर पहुंचे, जबकि आठ बाद में भी फंसे हुए थे. उनके पास न पैसा था और न ही संसाधन. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने बताया कि 2 मार्च को बाकी बचे आठ लोग भारत वापस आ गए.
पंजाब सरकार से कार्रवाई की मांग
इकबाल सिंह लालपुरा ने विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया और विदेशों में रहने वाले भारतीयों को संदेश दिया कि अगर उन्हें कोई परेशानी हो रही है, तो विदेश मंत्रालय उनकी मदद के लिए है. साथ सही उन्होंने पंजाब सरकार से उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी मांग की जिन्होंने उन्हें इस स्थिति में डाला है. बता दें कि 2011 में दिवंगत नेता मुअम्मर गद्दाफी के शासन के पतन के बाद से लीबिया लगातार बढ़ती हिंसा और अशांति का सामना कर रहा है.
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