कोरोना महामारी ने दुनियाभर में बड़ा आर्थिक संकट पैदा कर दिया है. आर्थिक संकट के कारण लोग कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना महामारी के कारण हर महीने 10,000 से ज्यादा छोटे बच्चों की मौत भूख के कारण हो रही है. इस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि एक साल में करीब एक लाख 28 हजार बच्चों की मौत हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हर महीने 550,000 से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं.


संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि कोरोना की वजह से भूखमरी लगातार बढ़ती जा रही है. जरूरतमंद लोगों तक खाना और स्वास्थ्य संबंधी सहायता नहीं पहुंच पा रही है. चार संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते कुपोषण के आगे बुरे परिणाम होंगे. यूएन ने तमाम देशों से इस संकट का तत्काल समाधान निकालने और कार्रवाई करने का आग्रह किया है.


अफगानिस्तान में खतरे के निशान पर भुखमरी
इन दिनों हालात पहले से कही ज्यादा खराब हो गए हैं. लैटिन अमेरिका से लेकर दक्षिण एशिया तक कई ज्यादा गरीब परिवार भूखमरी झेल रहे हैं. चार अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों (विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम और खाद्य व कृषि संगठन) के नेताओं ने वैश्विक भूखमरी से लड़ने के लिए कम से कम 2.4 बिलियन डॉलर का आह्वान किया है.


यूनिसेफ के अनुसार, अफगानिस्तान में भुखमरी खतरे के निशान तक पहुंच गई है. यहां बच्चों में भुखमरी 690,000 से 13 फीसदी बढ़कर यानि कि 780,000 तक पहुंच गयी है. दरअसल, कोरोना महामारी के कारण भुखमरी के खिलाफ अभियान थम सा गया है. ज्यादातर देशों में स्वास्थ्यकर्मी और एजेंसियां कोरोना से निपटने में लगी हुई हैं. उनका भूखमरी के खिलाफ चला रहे अभियान से ध्यान हट गया है.


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