Florida Hurricane: अमेरिका के 4 राज्यों में इडालिया चक्रवात ने जमकर कहर बरपाया है. फ्लोरिडा में तूफान का तांडव कुछ ज्यादा ही देखने को मिला, जिस वजह से 2 लोगों की मौत भी हो गई. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस तूफान फ्लोरिडा के बाद जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना और साउथ कैरोलिना की तरफ रुख किया. तूफ़ान की वजह से जॉर्जिया और फ्लोरिडा में करीब साढ़े 4 लाख लोगों के घरों में बिजली नहीं रही.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुआर, शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तूफान से तबाह हो चुके फ्लोरिडा का दौरा किया, जहां उन्होंने इससे प्रभावित लोगों से बातचीत की. इसके साथ ही मौके पर राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मचारियों को दिशानिर्देश दिया . अपनी यात्रा के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति ने लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और कहा कि आपका देश आपके साथ है और जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, हम आपके साथ रहेंगे.
फ्लोरिडा के गवर्नर नहीं आये बाइडेन के साथ
फ्लोरिडा के गवर्नर डिसेंटिस ने बताया कि फिलहाल उनका फोकस राहत कार्य पर है. हालांकि वह जो बाइडेन के आने पर मौजूद नहीं दिखे. ऐसे में रिपोर्टर ने राष्ट्रपति बाइडेन से पूछा कि क्या वह निराश हैं कि डेसेंटिस शनिवार के दौरे में शामिल नहीं हुए, तो बिडेन ने कहा कि हो सकता है गवर्नर के पास अन्य कारण हो, जिससे वह शामिल नहीं हो पाए. बता दें कि फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डिसेंटिस रिपब्लिकन पार्टी के भीतर उम्मीदवारों की रेस में हैं, ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थी कि वे जो बाइडेन की यात्रा में शामिल नहीं होंगे.
जिल बाइडेन भी रहीं मौजूद
रिपोर्ट के अनुसार, फ्लोरिडा दूसरे पर अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी जिल बाइडेन भी मौजूद थी. जहां उन्होंने फ्लोरिडा के लाइव ओक में जीओपी सीनेटर रिक स्कॉट, संघीय कर्मियों, स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात की. गौरतलब है कि फ्लोरिडा के पश्चिमी तट पर पर बीते बुधवार को तूफान ‘इडालिया’ खतरनाक श्रेणी 3 के तूफान के रूप में पहुंचा.
एक हजार से ज्यादा फ्लाइट्स हुईं कैंसिल
इडालिया की वजह से क्षेत्र में भारी बारिश हुई है, जिससे जन-जीवन प्रभावित हुआ. वहीं इस तूफान की वजह से एक हजार से ज्यादा फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ गया है. इसके साथ ही बड़े स्तर पर राहत कार्य चलाया जा रहा है. मौसम विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि यह फ्लोरिडा के 100 साल के इतिहास का सबसे भयानक तूफान है. तूफान को देखते हुए चारों राज्यों में इमरजेंसी लगा दी गई. रिपोर्ट के अनुसार, करीब 55 हजार सैनिकों को राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया था.