(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sri Lanka Crisis: ‘मैं फिर से चुनाव नहीं लड़ूंगा’, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की घोषणा
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी राजपक्षे और उनके परिवार को इस संकट के लिए दोषी मानते हैं.
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति (Sri Lankan President) गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) अपने कार्यकाल के शेष दो वर्षों को महीनों से सड़क पर जारी विरोध प्रदर्शनों के बावजूद पूरा करेंगे, लेकिन उसके बाद चुनाव नहीं लड़ेंगे. रॉयटर्स के मुताबिक राजपक्षे ने ब्लूमबर्ग को यह बताया है. राजपक्षे ने सोमवार को कोलंबो (Colombo) में अपने आधिकारिक आवास पर एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे पांच साल के लिए जनादेश दिया गया है. मैं फिर से चुनाव नहीं लड़ूंगा." बता दें श्रीलंका (Sri Lanka) 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है.
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे और उनके परिवार को उन फैसलों के लिए दोषी ठहराया, जिसके कारण देश में ईंधन से लेकर दवा तक हर चीज की भारी कमी हो गई, जिससे मुद्रास्फीति 40 प्रतिशत बढ़ गई और देश कर्ज में डूब गया.
मार्च के मध्य से हजारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के समुद्र तटीय कार्यालय के बाहर डेरा डाले हुए हैं जिसकी वजह से उन्हें लगभग एक किलोमीटर दूर अपने आधिकारिक आवास पर वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. मई में सरकार समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष खूनी हो जाने के बाद राष्ट्रपति के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
4 बिलियन डॉलर की मदद चाहता है श्रीलंका
गोटबाया राजपक्षे और नए प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe ) अब इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और भारत और चीन सहित देशों से लगभग 4 बिलियन डॉलर की सहायता की मांग कर रहे हैं.
पिछले एक साल में श्रीलंका (Sri Lanka) के रुपये में लगभग 82 प्रतिशत की गिरावट आई है इस बीच केंद्रीय बैंक ने सोमवार को और सुधार की संभावना को हरी झंडी दिखाई.
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