Rajapaksa Resignation: श्रीलंका (Sri Lanka) के पूर्व राष्ट्रपति (Former President) गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने इस्तीफा दे दिया और उनका ये इस्तीफा आज संसद के सचिव धम्मिका दासनायके ने औपचारिक रूप से संसद पेश किया. पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने संसद के अध्यक्ष के संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह देश में आर्थिक संकट (Economic Crisis) की स्थिति पैदा हुई है.
राजपक्षे ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने आर्थिक मंदी का मुकाबला करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने की कोशिश करने जैसे बेहतरीन कदम उठाए. राजपक्षे ने त्यागपत्र में लिखा, ''मैंने पूरी क्षमता के साथ मातृभूमि की रक्षा की और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहूंगा.'' उन्होंने कहा कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद तीन महीने के अंदर पूरी दुनिया कोविड-19 की चपेट में आ गई.
लॉकडाउन ने बिगाड़ी विदेशी मुद्रा की स्थिति
राजपक्षे ने कहा, ''मैंने उस समय पहले से ही खराब आर्थिक माहौल से विवश होने के बावजूद लोगों को महामारी से बचाने के लिए कार्रवाई की.'' उन्होंने कहा, '2020 और 2021 के दौरान मुझे लॉकडाउन का आदेश देने के लिए मजबूर होना पड़ा और विदेशी मुद्रा की स्थिति बिगड़ गई. मेरे विचार में, मैंने स्थिति से निपटने के लिए एक सर्वदलीय या राष्ट्रीय सरकार बनाने का सुझाव देकर सबसे अच्छा कदम उठाया.'
राजपक्षे पहुंचे सिंगापुर
राजपक्षे (Rajapaksa) ने पत्र में कहा, '9 जुलाई को पार्टी नेताओं की इच्छा के बारे में पता चलने के बाद मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया.' वह बुधवार को मालदीव (Maldives) भाग गए थे और इसके बाद गुरुवार को सिंगापुर (Singapore) पहुंच गए. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि न तो राजपक्षे ने शरण मांगी है और न ही उन्हें शरण दी गई है तथा उन्हें ''निजी यात्रा'' के लिए देश में प्रवेश की अनुमति दी गई.
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