ICC arrest warrant for Israeli PM: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो तरफा संकटों का सामना कर रहे हैं. इसे लेकर सरकारी अधिकारी और विश्लेषकों का मानना है कि ये नेतन्याहू के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है. इसके अलावा गाजा और लेबनान के साथ युद्धों को भी प्रभावित कर सकता है.
गुरुवार (21 नवंबर) को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के साथ हमास के सैन्य कमांडर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आईसीसी ने वारंट जारी करते हुए नेतन्याहू व अन्य पर 13 महीने पहले गाजा में युद्ध, अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया था.
नेतन्याहू के खिलाफ आईसीसी ने तब वारंट जारी किया जब उन्हें एक भ्रष्ट्राचार मामले में अगले दो हफ्तों में अदालत में पेश होना था. जिसमें दोषी ठहराए जाने पर उनके राजनीतिक करियर का अंत भी हो सकता है. हालांकि नेतन्याहू ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. वहीं, दूसरी ओर आईसीसी के वारंट जारी करने के बाद पीएम नेतन्याहू को राजनीति के विभिन्न हिस्सों से भारी समर्थन मिला है.
नेतन्याहू ने ICC के वारंट को नकारा
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आईसीसी की ओर से जारी वारंट को यहूदी विरोधी करार दिया है और नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री के गाजा के नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने और उन्हें भूखा मारने के आरोप को सिरे से नकार दिया है.
यरूशलम के विशेषज्ञों ने क्या कहा?
यरूशलम के हिब्रू यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ योनेतान फ्रीमैन ने कहा, "इजरायल के लोग तब बहुत नाराज हो जाते हैं जब उन्हें लगता है कि पूरी दुनिया उनके खिलाफ हो गई है. इसके बाद वे अपने नेता के आसपास एकजुट हो जाते हैं, फिर चाहे उनकी कितनी ही आलोचना क्यों न की जाए." उन्होंने इसके आगे कहा, "इसलिए जो लोग उम्मीद कर रहे थे कि ICC का फैसला नेतन्याहू की सरकार को समाप्त कर देगा तो उन्हें उल्टा परिणाम देखने को मिलेगा."
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