ICC ने नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया वारंट तो भड़क गया इजरायल, जानें क्या कहा?
Israel PM Benjamin Netanyahu On Warrant: इजरायली पीएम के दफ्तर ने बयान में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का यहूदी-विरोधी फैसला आधुनिक समय के ड्रेफस मामले की तरह है और यह उसी तरह खत्म भी होगा."
Israel PM Benjamin Netanyahu On Warrant: अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने गुरुवार (21 नवंबर 2024) को गाजा में जंग को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. लेकिन इसके बाद नेतन्याहू के दफ्तर ने एक बयान जारी कर इसे 'यहूदी विरोधी' बताया है.
इजरायली पीएम के दफ्तर ने गाजा में अपराधों पर आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद एक बयान में कहा कि "अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का यहूदी-विरोधी फैसला आधुनिक समय के ड्रेफस मामले की तरह है और यह उसी तरह खत्म भी होगा."
क्या है ड्रेफस मामला, जिसका नेतन्याहू कर रहे जिक्र
ड्रेफस मामला एक राजनीतिक घोटाला था. इस मामले ने 1894 और 1906 के बीच फ्रांस को हिलाकर रख दिया था और पूरे यूरोप में बढ़ते यहूदी-विरोध को उजागर किया था. ड्रेफस मामला फ्रांस में एक राजनीतिक और आपराधिक न्याय घोटाला था जो 1894 से 1906 तक चला. यहूदी वंश के फ्रांसीसी तोपखाने अधिकारी अल्फ्रेड ड्रेफस को 1894 में देशद्रोह का दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
किन आरोपों के लिए जारी किया गया वारंट?
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने 21 नवंबर 2024 को इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. दोनों नेताओं पर आरोप है कि गाजा के नागरिकों को जानबूझकर भोजन, पानी, बिजली, ईंधन और चिकित्सा आपूर्ति से 8 अक्टूबर 2023 से 20 मई 2024 के बीच वंचित किया गया. मानवीय सहायता को रोकने और इसे बाधित करने का आरोप भी लगाया गया है. इसके अलावा राजनीतिक और राष्ट्रीय आधार पर गाजा के लोगों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करना भी आरोपों में शामिल है.
गाजा के नागरिकों, विशेषकर बच्चों, को भुखमरी और चिकित्सा आपूर्ति की कमी के कारण मौत के लिए मजबूर करने का आरोप है. इसके अलावा आरोप लगाया गया है कि डॉक्टरों को बिना एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) के सर्जरी करने के लिए मजबूर किया गया, जिससे मरीजों को अत्यधिक पीड़ा का सामना करना पड़ा है.
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