Antarctica Iceberg: अंटार्कटिका से टूटा ग्रेटर लंदन जितना बड़ा आइसबर्ग, जानें क्या होगा असर
Antarctica Iceberg News: अंटार्कटिका की बर्फ की चट्टान से ग्रेटर लंदन के आकार का एक विशाल आइसबर्ग टूट कर अलग हो गया है. पिछले दो सालों में यह दूसरी घटना है जब आइसबर्ग टूटा है.
Antarctica Iceberg Size Of Greater London: अंटार्कटिका की बर्फ की चट्टान से ग्रेटर लंदन के आकार का एक विशाल आइसबर्ग (हिमखंड) टूट गया है, जिसकी एक काल्पनिक फोटो और वीडियो शोधकर्ताओं ने जारी की है. बताया जा रहा है कि आइसबर्ग अपने मूल शेल्फ अंटार्कटिका से अलग होकर तैर रहा है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, A81 नाम का ये आइसबर्ग अपने मूल से लगभग 150 किमी दूरी पर तैर रहा है. वैज्ञानिकों का दावा है कि आइसबर्ग का वास्तविक आकार 1550 वर्ग किलोमीटर है. ये लगभग ग्रेटर लंदन के आकार के बराबर है. अनुमान है कि ये वेडेल सागर में जाकर मिलने वाला है, क्योंकि ये इस सागर के मजबूत धारा के साथ बढ़ रहा है.
इस वीडियो को हैली रिसर्च स्टेशन से बर्फ की शेल्फ पर लौटने के दौरान ब्रिटिश अंटार्कटिका सर्वे (BAS) ने कैप्चर किया है. पोलर रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक विज्ञप्ति के अनुसार, आइसबर्ग छोटे आइसबर्गों से घिरा हुआ है, जो ए 81 से टूट गए हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि A81 आइसबर्ग अंटार्कटिका के चास्म-1 से पिछले दो सालों में टूटा दूसरा सबसे बड़ा आइसबर्ग है.
आइसबर्ग के टूटने का असर
ग्लेशियोलॉजिस्ट डॉ. ओलिवर मार्श ने एक बयान में कहा कि इस ग्लेशियर के टुकड़े के बारे में हमें जानकारी थी. BAS इसका अध्ययन पिछले एक दशक से कर रहा था. ग्लेशियोलॉजिस्टने पहली बार 2012 में चास्म-1 को चौड़ा होते हुए देखा था. तब से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि यह आइसबर्ग टूट सकता है. एक्सपर्ट की मानें तो जब बर्फ की चट्टानें ज्यादा मोटी हो जाती हैं, तब ऐसा होता है. आइसबर्ग के पिघलने के कारण समुद्र में बड़ी मात्रा में ताजे पानी का उत्पादन करेगा, जिससे कुछ समुद्री जीवों के लिए कार्य करना मुश्किल हो सकता है.
दो साल के अंदर यह दूसरी घटना
गौरतलब है कि आइसबर्ग के टूटने की ये घटना दो साल के भीतर दूसरी घटना है, जब एक बड़ा आइसबर्ग (हिमखंड) चट्टान से अलग हुआ है. इससे पहले फरवरी 2021 में भी ऐसा हो सका है. जब A74 नाम का आइसबर्ग चट्टान से टूट गया था. इसका आकार 1,270 वर्ग किमी था.