Israel Palestine Conflict: इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने पिछले 24 घंटों में 11 'हमास आतंकवादी चौकियों' को जब्त करने का दावा किया है, जबकि हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि गाजा के अस्पतालों में बिजली की आपूर्ति बाधित होने से आईसीयू में भर्ती कई मरीजों की मौत हो गई है.


इजरायली सेना ने यह भी दावा किया कि उसने हमास की एक भूमिगत सुरंग को नष्ट कर दिया है, जिसमें विस्फोटकों से लदे एक वाहन को उड़ाया गया था, जिसे हमले में निष्क्रिय कर दिया गया.


मीडिया की खबरों के मुताबिक, शुक्रवार (10 नवंबर) को आईडीएफ ने कहा था कि उसकी 401वीं ब्रिगेड ने उत्तरी गाजा में अपने अभियान की शुरुआत के बाद से लगभग 150 आतंकवादियों को 'खत्म' कर दिया है.


इजरायल के सैनिकों ने गाजा को सफलतापूर्वक घेर लिया है, गाजा को उत्तर को दक्षिण में विभाजित कर दिया है. हमले तेज हो गए हैं और इस बीच सबसे बड़े शिफा अस्पताल सहित कई अस्पतालों में जनरेटर चलाने के लिए ईंधन की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है. हमास की ओर से संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मेधात अब्बास के मुताबिक, इसमें समय से पहले जन्मा एक बच्चा भी शामिल है.


36 में से 20 अस्पताल अब नहीं कर रहे काम- WHO


विश्‍व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि पूरे गाजा में 36 में से 20 अस्पताल अब काम नहीं कर रहे हैं. मीडिया की खबरों में कहा गया है कि अब्बास ने कतर स्थित एक एजेंसी को बताया कि शिफा में लगभग 1,500 मरीज बचे हैं, जिनमें लगभग 1,500 चिकित्सा कर्मचारी और 15,000 से 20,000 के बीच विस्थापित फिलिस्तीनी हैं, जिन्होंने अपने घरों से भागने के बाद आश्रय की तलाश की है.


अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी समूहों ने क्या कहा?


एनबीसी न्यूज ने कहा कि शनिवार (11 नवंबर) को इजरायली सैनिकों की ओर से फिलिस्तीनी क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल को घेरने के बाद गाजा में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ध्वस्त हो रही है और अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी समूहों ने 'कोई वापसी नहीं' की चेतावनी दी है.


डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने शनिवार को एक समाचार विज्ञप्ति में कहा, "प्रसूति और बाह्य रोगी विभाग सहित अल शिफा अस्पताल पर कई बार हमले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें हुईं."


एनबीसी के मुताबिक, रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने चेतावनी दी कि गाजा में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ऐसे बिंदु पर पहुंच गई है, जहां से वापसी संभव नहीं है. इस समिति ने अस्पतालों में नागरिकों और चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा का आह्वान किया.


'आईसीयू में मरीजों का मरना शुरू हो गया है'


शिफा के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने यूएसए टुडे के हवाले से कहा, “अस्‍पतालों में बिजली नहीं है, जिस वजह से चिकित्सा उपकरण बंद हो गए, आईसीयू में मरीजों का मरना शुरू हो गया है. हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मुनीर अल-बुर्श ने शनिवार को सीएनएन को बताया कि डॉक्टर 36 नवजात शिशुओं को हाथ से कृत्रिम वेंटिलेशन प्रदान कर रहे हैं.


इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू क्या बोले?


इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को फिलिस्तीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आह्वान को खारिज कर दिया और कहा कि उनकी दुर्दशा की जिम्मेदारी हमास की है. उन्होंने हमास पर आरोप लगाया कि आईडीएफ की ओर से युद्ध क्षेत्रों को खाली करने के आदेश जारी किए जाने पर लोगों को वहां से जाने से रोका गया.


जबकि इजरायली सेना ने आरोप लगाया कि हमास अपने शत्रुतापूर्ण अभियानों के लिए अस्पताल परिसर का इस्तेमाल कर रहा है. इजरायली अधिकारियों ने हमलों में मरने वालों की संख्या भी अपडेट की, अधिकांश हत्याएं 7 अक्टूबर को हुईं. उनका अनुमान है कि अब तक 1,200 नागरिक और 41 सैनिक मारे गए हैं. अन्य 240 लोग हमास के बंधक बने हुए हैं.


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