Israel Protest: रफाह में मौजूद हमास सुरंग से अमेरिकी युवक समेत 6 बंधकों की लाश मिलने के बाद इजरायल में बवाल मच गया है. रविवार शाम को हजारों की संख्या लोग तेल अवीव की सड़कों पर इकट्ठा हो गए और सरकार से युद्धविराम की मांग करने लगे. बताया जा रहा है कि 7 अक्टूबर को हुए हमास हमले के बाद से यह सबसे बड़ा प्रदर्शन है. रफाह से 6 बंधकों के शव मिलने के बाद लोगों में दर्द और गुस्से की लहर है. इजरायल के लोग बंधकों की रिहाई के लिए युद्धविराम की मांग कर रहे हैं. 


टाइम्स ऑफ इजरायल ने आयोजकों के हवाले से बताया कि तेल अवीव में 3 लाख से अधिक लोग सड़कों पर इकट्ठा हुए. इसके अलावा 2 लाख से अधिक लोगों ने देश के तमाम हिस्सों में प्रदर्शन किया. तेल अवीव में हुए प्रदर्शन के दौरान दिजेंगॉफ स्ट्रीट से आईडीएफ मुख्यालय के शुरुआती गेट तक मार्च निकाला गया. इसमें प्रतीक के तौर छह ताबूतों को भी शामिल किया गया था. टाइम्स ऑफ इजरायल ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार और शुक्रवार की सुबह के बीच बंधकों के सिर पर काफी करीब से गोली मारी गई थी. 


बचे बंधकों की रिहाई के लिए आवाज
करीब 11 महीनों से बंधक बने रहने के बाद उनकी हत्या से पूरे देश में दुख और गुस्सा है. ज्यादातर इजरायली इसके लिए बेंजामिन नेतन्याहू को दोषी ठहरा रहे हैं. लोगों का कहना है कि राजनीतिक कारणों की वजह से नेतन्याहू बंधक समझौता नहीं कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बाकी बचे बंधकों की रिहाई के लिए युद्धविराम की मांग की. लोगों ने कहा कि हम बचे बंधकों को जिंदा वापस चाहते हैं. प्रदर्शनकारी बंधकों के सम्मान में देश का झंडा, पीले रिबन और मारे गए छह बंधकों से माफी मांगने वाली तख्तियां हाथों में लिए थे.


8 लाख कर्मचारी नहीं करेंगे काम
टाइम्स ऑफ इजरायल से तेल अवीव के रहने वाले श्लोमित हकोहेन ने कहा, 'सरकार अपने बचाव के लिए यह कर रही है, बंधकों की रिहाई के लिए नहीं, अब हम उन्हें बताना चाहते हैं कि रुक जाओ.' दूसरी तरफ इजरायल के सबसे बड़े व्यापार संघ  ‘हिस्ताद्रुत’ ने गाजा में छह बंधकों की हुई मौत के बाद सोमवार को हड़ताल घोषित कर दिया है. स्वास्थ्य, परिवहन और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों के करीब 8 लाख कर्मचारी इस संघ के सदस्य हैं. इस हड़ताल का मकसद बंधकों की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाना है. 


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