यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के 7 महीने पूरे हो गए. इन 7 महीनों में रूसी सेना ने यूक्रेन के कई बड़े शहरों को बर्बाद कर दिया है. इस युद्ध में अब तक दोनों ही देशों के लाखों सैनिक अपनी जान गवां चुके हैं. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वो सीमा की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए तैयार हैं. रूस के राष्ट्रपति द्वारा सितंबर में दिए गए इस बयान ने यूक्रेन के साथ- साथ पश्चिम देशों की भी चिंता बढ़ा दी है. 


इस बयान के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुतिन यूक्रेन पर छोटे या सीमित दायरे वाले टैक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. परमाणु का इस्तेमाल किसी देश को कितना नुकसान पहुंचा सकता है. इस बात से दुनिया पूरी तरह रूबरू है. साल 1945 में जापान परमाणु हमला झेल चुका है, लेकिन उस घटना की दहशत आज भी लोगों के मन में है, वो आज भी उस दिन को याद कर सहम जाते हैं.


साल 1945 में जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया था तब चंद मिनटों में उस देश के हजारों-लाखों लोगों की मौत हो गई थी. हमले के सालों बाद भी लोग मरते रहे. 


ऐसे में पुतिन की इस धमकी के बाद लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि अगर 1945 का परमाणु युद्ध इतनी बड़ी तबाही का कारण बना था तो दशकों बाद नई तकनीक से लैस परमाणु हमला कितना घातक हो सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार अगर रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला करता है या ऐसी स्थिति बनती है तो ये विस्फोट कुछ और नहीं बल्कि तबाही लेकर आएगा. 


परमाणु का इस्तेमाल विनाशकारी 


अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय ने वर्तमान में चल रहे हालात का आकलन करते हुए एक काल्पनिक ऑडियो-विजुअल परिदृश्य तैयार किया है जिसे "प्लान ए" कहा जाता है. इस परिदृश्य में दिखाया गया है रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में परमाणु का इस्तेमाल कितना विनाशकारी होगा.


इस चार मिनट लंबे वीडियो में काल्पनिक दृश्य दिखाया गया है कि रूस NATO के सदस्यों से लड़ने का प्रयास कर रहा है. सबसे पहले, युद्ध पश्चिमी यूरोपीय देशों और रूस के बीच होता है. लेकिन एक बार जब सभी प्रमुख शहरों पर बमबारी हो जाती है तो यह युद्ध अमेरिका और रूस के बीच बदल जाता है.


दिखाए गए परिदृश्य के अनुसार रूस  अमेरिका के कुछ बड़े शहरों को टारगेट करेगा और उन प्रमुख शहरों में कोई खतरे की चेतावनी नहीं है. लेकिन असल में अमेरिका के जिन शहरों पर बम धमाके की बात हो रही है उस शहर के नागरिकों को पहले से ही पता चल जाएगा कि यहां परमाणु हथियार का विस्फोट किया जा सकता है, जिससे लोगों को छिपने के लिए पर्याप्त समय मिल सके. 




कुछ घंटों के भीतर मारे जाएंगे कुल 90 मिलियन लोग


इस आकलन से वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि अगर परमाणु युद्ध होता है तो केवल रूस और अमेरिका के बीच परमाणु विस्फोट 45 मिनट के भीतर 31 लाख लोगों को मार देगा. कुल मिलाकर, पूरे यूरोप, एशिया और अमेरिका में संघर्ष के पहले कुछ घंटों के भीतर कुल 90 मिलियन लोग मारे जाएंगे और उस संख्या में परमाणु नतीजे या अन्य दीर्घकालिक प्रभावों से होने वाली मौतें शामिल नहीं हैं. 


वहीं दूसरी तरफ स्विट्जरलैंड की एक संस्था है इंटरनेशनल कैंपेन टू अबॉलिश न्यूक्लियर वेपन (ICAN).इसके मुताबिक, एक परमाणु बम विस्फोट में लाखों लोगों की मौत हो सकती है. वहीं, अगर 10 या सैकड़ों बम गिर गए तो न सिर्फ लाखों-करोड़ों मौतें होंगी, बल्कि धरती का पूरा क्लाइमेट सिस्टम ही बिगड़ जाएगा.


बिगड़ जाएगा पूरा धरती का सिस्टम 


ICAN के मुताबिक, 1945 में जो परमाणु बम हिरोशिमा में गिरा था, उसी साइज का अगर 100 बम गिरा दिया जाए तो धरती का पूरा सिस्टम ही बिगड़ जाएगा. ऐसा हमला होने पर क्लाइमेट सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो सकता है और खेती पर भी असर पड़ेगा.


ICAN के मुताबिक फिलहाल दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है लेकिन अगर परमाणु युद्ध होता है तो धरती का तापमान कम हो जाएगा. क्योंकि इस हमले से निकलने वाला धुआं धरती की सतह पर जम जाएगा. ये भी अनुमान है कि परमाणु युद्ध होने से  कम से कम 10% जगहों पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचेगी.




अब परमाणु बम फटा तो क्या होगा?


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार दुनिया भर में परमाणु हथियारों को संख्या 13,865 है. यह परमाणु हथियारों की संख्या धरती को पचास बार बर्बाद कर सकती है.


वहीं किसी भी परमाणु संपन्न देश ने आज अमेरिका या दुनिया के किसी भी शहर पर हमला किया तो हिरोशिमा और नागासाकी की तबाही बौनी साबित होगी. इस समय दुनिया में 9 देशों को पास परमाणु हथियार हैं, जिनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया शामिल हैं. इस आंकड़े में उन हथियारों को ही गिना गया जिन्हें तैनात किया गया है या डिस्मेंटल किया जाना है.  


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