मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2036 तक के लिए राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं. इसके लिए पुतिन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह उस बिल का समर्थन करेंगे जिस में उनके राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ होता है. आपको बता दें कि रूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल होता था. इस कार्यकाल को बढ़ाकर मेदवेदेव के कार्यकाल में 6 साल कर दिया गया. रूसी सदन में नया प्रस्ताव सांसद तेरेशकोवा लेकर आई हैं.


क्या प्रस्ताव किया है सदन में पेश


सदन में सांसद वेलेंतीन तेरेशकोवा नया प्रस्ताव लेकर आई हैं. इस प्रस्ताव को अगर सदन में पास करा दिया गया तो रूस का 27 साल पुराने संविधान में संशोधन होगा. वेलेंतीन के द्वारा लाए प्रस्ताव के मुताबिक 2024 में दोबारा राष्ट्रपति बन सकते हैं. इसके अलावा वह 6-6 साल के अपने दो कार्यकाल पूरे करेंगे. आपको बता दें कि व्लादीमिर पुतिन 2000 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे. तब के कानून के मुताबिक वो दो कार्यकाल तक ही राष्ट्रपति रह सकते थे. उन्होंने 4-4 साल के दो कार्यकाल पूरे किए और 2008 पर राष्ट्रपति पद पर बने रहे.


वहीं इस प्रस्ताव पर पुतिन ने कहा है कि रूस के स्थिर भविष्य के लिए मेरा बने रहना जरूरी है. साथ ही उन्होंने जोड़ा – भविष्य के राष्ट्रअध्यक्षों के लिए यह कानून दो कार्यकाल तक के लिए फिर से बाध्य किया जा सकता है. माना जा रहा है कि यूनाइटेड रसिया पार्टी वहां बहुमत में है. ऐसे में यह प्रस्ताव आसानी से पास हो सकता है. इसके बाद व्लादिमिर पुतिन का 2036 तक राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो जाएगा. पुतिन का वर्तमान कार्यकाल 2024 में पूरा हो जाएगा.


जानिए रूस का कानून


रूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल होता था. लेकिन पुतिन समर्थक व्लादिमिर पुतिन के राष्ट्रपति बनने पर पुतिन प्रधानमंत्री बने थे. उस दौरान कार्यकाल को बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया था. गौरतलब है कि पुतिन 2000 से लेकर 2008 तक भी राष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं. अब नया कानून बनता है तो पुतिन का कार्यकाल 2036 तक के लिए होगा.


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