अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने बजट में सार्वजनिक निवेश को प्राथमिकता देने के लिए भारत की सराहना की है. साथ ही उसने भारत से खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने और यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न वैश्विक आर्थिक संकट को देखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर तथा वंचित तबकों तक इसके स्थानांतरण का दायरा बढ़ाने का आग्रह किया है. आईएमएफ ने कहा, भारत खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दे साथ ही इसका दायरा बढ़ाए मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक के दौरान आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संस्थान के राजकोषीय मामलों के वित्तीय निदेशक पाउलो माउरो ने अलग से बातचीत में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के आर्थिक प्रभाव काफी गंभीर हैं.


महंगाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के संतोषजनक दायरे से कुछ ऊपर है. हालांकि, वे उसपर अंकुश लगाने को लेकर कदम उठाना शुरू कर चुके हैं. एक सवाल के जवाब में माउरो ने कहा कि राजकोषीय मोर्चे पर बजट का रुख लगभग तटस्थ है यह मौजूदा समय में सूझबूझ को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन खाद्य वस्तुओं, ऊर्जा की बढ़ती कीमतों को देखते हुए, साफ है कि परिवारों को इस समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.’’


खाद्य स्थानान्तरण का दायरा बढ़ाया


आईएमएफ अधिकारी ने कहा, ‘‘इसलिए, हम सबसे पहले खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सिफारिश करते हैं. सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित लोगों के लिये खाद्य स्थानान्तरण का दायरा बढ़ाया जाए भारत में लोगों के खातों में नकद अंतरण के साथ विभिन्न प्रकार की सहायता को लेकर हस्तांतरण का एक प्रभावी इतिहास रहा है. हम चाहते हैं कि यह जारी रहे और इसका दायरा बढ़ाया जाए.’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत के 2022-23 के बजट में एक अच्छी चीज सार्वजनिक निवेश को प्राथमिकता देना है.


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