IMF On Climate Change: IMF ने COP26 में भारत की जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों से निपटने की घोषणा की सराहना की, जानिए क्या कहा?
IMF On COP26 Summit: आईएमएफ के संचार विभाग के निदेशक गैरी राइस ने कहा कि भारत द्वारा उठाए गए कदम अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को भी कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
IMF On COP26 Summit: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने ग्लासगो में आयोजित हुए सीओपी26 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत द्वारा की गई घोषणा का स्वागत किया है. आईएमएफ के संचार विभाग के निदेशक गैरी राइस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम 2070 तक निवल शून्य लक्ष्य के अनुकूल ढलने समेत नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने और अपनी अर्थव्यवस्था पर कार्बन की महत्ता को कम करने के नए लक्ष्यों को लेकर सीओपी26 में की गई भारत की घोषणा का स्वागत करते हैं.
भारत के कदम का स्वागत
आईएमएफ के संचार विभाग के निदेशक गैरी राइस ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि भारत इस समय दुनिया के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है. वह विद्युत उत्पादन के लिए अब भी कोयले पर अत्यधिक निर्भर है, इसलिए उसके द्वारा उठाए गए कदम अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को भी कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.’’ गैरी राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘नवीकरणीय और जलवायु परिवर्तन से निपटने के अनुकूल नीतियों में भारत का उल्लेखनीय निवेश संकेत देता है कि वह अपने नए लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आगे की ओर कदम उठाने को पूरी तरह तैयार है.’’
साल 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य
आईएमएफ के संचार विभाग के निदेशक गैरी राइस ने आगे कहा कि हम वैश्विक स्तर पर न्यूनीकरण के कदमों की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर मौजूदा दशक में भारत के उठाए कदमों की प्रशंसा करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COP शिखर सम्मेलन में साहसिक घोषणा करते हुए कहा था कि भारत वर्ष 2070 में कुल शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करेगा. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत गैर जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता को 450 गीगा वाट से बढ़ाकर 500 गीगावाट करने की घोषणा की.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत 500 गीगावाट गैर जीवाश्म ईंधन क्षमता 2030 तक हासिल करेगा. भारत 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करेगा. भारत अब से 2030 के बीच अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती करेगा. भारत कार्बन की गहनता में 45 प्रतिशत तक कटौती करेगा और 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करेगा.
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