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आतंकियों की 'हिफाजत' कर रही इमरान सरकार, UNSC से कहा- आतंकियों को नहीं ढूंढ सकते
पाकिस्तान आंतकी साजिश भारत के खिलाफ करता आया है.पाकिस्तान सरकार की ओर से ऐसा निर्णय लिया गया है जिससे साबित हो गया कि आतंकवाद की सबसे बड़ी पनाहगाहों में वो शामिल है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान का आतंकवाद का सबसे बड़ा सरपरस्त है, इसकी गवाही खुद पाकिस्तान की हरकतें देती हैं. हाल ही में इमरान खान की सरकार ने लगभग 4000 लोगों के नाम आतंकवादी निगरानी सूची से हटाने का फैसला किया है. पाकिस्तान ने इन आतंकियों का नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवादी लिस्ट से नाम हटाया है. पाकिस्तान ने यूएन की ओर से घोषित आतंकियों के नाम इनके अच्छे काम का हवाला देते हुए हटाए हैं.
पाकिस्तान ने अब एक और ऐसा कदम उठाया है जिससे साबित हो गया आतंकवाद की सबसे बड़ी पनाहगाहों में वो शामिल है. एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार ने यूएनएससी की निगरानी समिति की एक विजिटिंग टीम को कहा कि वह प्रतिबंध सूची में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ रही क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के पैनल ने 'अपर्याप्त जानकारी' दी थी. यूएनएससी की 1267 लोगों के प्रतिबंध सूची में 130 लोगों पाकिस्तान से हैं. भारत के आंतरिक सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने ये स्वीकार किया है कि प्रतिबंद्ध सूची में लश्कर-ए-तयैबा के संस्थापक हाफिज सईद सहित 19 लोगों के नाम भी शामिल हैं. पाकिस्तान ने यूएनएससी की सूची से पहले ही मतिउर रहमान सहित 6 आतंकवादियों के नाम हटा दिए हैं. संयुक्त राष्ट्र के 2013 के रिकॉर्ड में मतिउर रहमान को आतंकवादी समूह लश्कर-ए-झांगवी का मुख्य संचालक कमांडर बताया है. संयुक्त राष्ट्र एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंक्शन मॉनिटरिंग टीम ने मार्च में पाकिस्तान का पांच दिवसीय दौरा किया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में जन्म तिथि, राष्ट्रीयता, राष्ट्रीय पहचान संख्या, पासपोर्ट संख्या या उनके आतंकी लिंक के लिए प्रतिबंधित लोगों का कोई विशिष्ट पता नहीं था. पाकिस्तान ने यही बात उस वक्त भी कही थी जब उसने घरेलू आतंकवाद निगरानी सूची से 3,800 आतंकवादियों के नामों को हटा दिया था. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2018 में पाकिस्तान की आतंकवादी निगरानी सूची में लगभग 7,600 नाम थे. वहीं, 15 अप्रैल को पाकिस्तानी अखबार के एक लेख में यह बताया गया था कि सूची से नाम इसलिए हटाए गए हैं, क्योंकि उसमें 7000 से अधिक ऐसे कई नाम थे, जिसमें कई गलतियां थीं. उसमें बताया गया कि कई नाम ऐसे थे, जिनकी मौत हो गई थी या नाम में बड़ी गलतियां थीं. आतंकवादी निगरानी सूची से नाम हटाने का पहला मामला कैस्टेलम एआई नाम की संस्था ने उजागर किया. इसने अपनी रिपोर्ट में बताया गया है कि इमरान खान सरकार ने नौ मार्च के बाद से अपनी आतंकवादी निगरानी सूची (वॉचलिस्ट) से बिना किसी सार्वजनिक स्पष्टीकरण के लगभग 1,800 नामों को हटा दिया है.ये भी पढ़ें-
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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