नवाज शरीफ के बयान पर पाक में बवाल, इमरान खान बोले- 'पूर्व पीएम मॉर्डन मीर जाफर हैं'
पाकिस्तानी सेना ने आज एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है जिसमें शरीफ के बयान से शुरू हुए संकट पर चर्चा की जाएगी. सेना ने पीएम शाहिद खाकान अब्बासी से कहा है कि वो फौरन नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बुलाएं.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कबूलनामे से पाकिस्तान में महासंग्राम छिड़ गया है. शरीफ ने कहा था कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए बड़े आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था. 26 नवंबर की रात मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जमकर आतंक फैलाया जिसमें करीब 166 लोगों की जान चली गई.
पूरे पाकिस्तान में शरीफ के इस बयान ने हंगामा मचा दिया है. आज पाकिस्तानी सेना ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है जिसमें शरीफ के बयान से शुरू हुए संकट पर चर्चा की जाएगी. सेना ने पीएम शाहिद खाकान अब्बासी से कहा है कि वो फौरन नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बुलाएं.
इमरान खान ने बताया- मीर जाफर इस बीच तहरीक ए इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान ने कहा है कि नवाज शरीफ मॉर्डन मीर जाफर है. इमरान खान ने अपने ट्वीट में लिखा, ''नवाज शरीफ आज के जमाने के मीर जाफर हैं, जिसने निजी फायदे के लिए देश को गुलाम बनाने में अंग्रेजों का साथ दिया. नवाज गलत तरीके से कमाए गए 300 अरब रुपये और विदेशों में अपने बेटे की कंपनियों की खातिर पाकिस्तान के खिलाफ मोदी की भाषा बोल रहे हैं.''
Nawaz Sharif is the modern-day Mir Jafar, who collaborated with the British to enslave his nation for personal gains. Nawaz speaking Modi's language against Pak State simply to protect his ill-gotten Rs 300b stashed in his sons companies abroad.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) May 13, 2018
कौन है मीर जाफर? इमरान खान ने जिस मीर जाफर का जिक्र किया है वो बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की सेना का कमांडर था. 1757 के मशहूर प्लासी के युद्ध के दौरान मीर जाफर नवाब को धोखा देकर ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के साथ जा मिला था. नतीजा इस युद्ध में सिराजुद्दौला की हार हुई और अंग्रेजों को भारत पर कब्जा जमाने का मौका मिल गया. बाद के दिनों में गद्दारी और धोखेबाजी करने वालों को 'मीर जाफर' कहकर बुलाने की परंपरा शुरू हो गई.
नवाज शरीफ ने क्या कहा था? पाकिस्तानी अखाबर डॉन को दिए इंटरव्यू मे नवाज शरीफ ने कहा, ''देश में समानांतर सरकारों हों तो देश को नहीं चलाया जा सकता है. इसको रोकना होगा. देश में सिर्फ एक ही सरकार हो जो संवैधानिक प्रक्रिया से चुनी गई हो. पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं. क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने देनी चाहिए. क्या कोई मुझे इस बात का जवाब देगा? हम तो केस भी पूरा नहीं चलने देते.''
मुंबई हमले की कहानी 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने मुंबई में अलग अलग जगहों पर हमला किया. इसमें करीब 166 लोगों मारे गए. इन आतंकियों में से एक आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था, बाद में उसे फांसी दी गई. पाकिस्तान हमेशा मुंबई हमले में हाथ से इनकार करता रहा है. नवाज शरीफ के बयान से झूठे पाकिस्तान की कलई खुल गई है.