Imran Khan Case: पाकिस्तान के एक कोर्ट ने शनिवार (20 मई) को पूर्व पीएम इमरान खान के 120 से भी ज्यादा समर्थकों को रिहा करने का आदेश दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद देश में भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शन के उपरांत इन सभी को 9 मई को पंजाब प्रांत में हिरासत में ले लिया गया था. लाहौर हाई कोर्ट (एलएचसी) ने पाकिस्तान सरकार को खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 123 कार्यकर्ताओं को जल्द रिहा करने का निर्देश दिया है.  

  


पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस अनवारुल हक ने यह आदेश पीटीआई नेता फारुक हबीब की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान दिया, जो चाहते थे कि हिरासत में लिए गए पार्टी कार्यकर्ता को रिहा किया जाए. इन सभी कार्यकर्ताओं को फैसलाबाद से गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें फिलहाल पंजाब के विभिन्न जेलों में रखा गया है. 


जिन्ना हाउस में भी लगा दी आग
इस्लामाबाद हाई कोर्ट (IHC) परिसर में भ्रष्टाचार के मामले में पैरामिलिट्री पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से 9 मई को खान की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में अशांति फैल गई थी. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर धावा बोल दिया था और लाहौर में कोर कमांडर हाउस (जिन्ना हाउस) में भी आग लगा दी थी.


पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई. टॉप सैन्य अधिकारियों ने नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला और आगजनी करने वालों को पाकिस्तानी सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम सहित देश के संबंधित कानूनों के तहत मुकदमे के माध्यम से न्याय दिलाने का संकल्प लिया. 


मानवाधिकारों को बनाए रखा जाए
कानून प्रवर्तन एजेंसी ने पूरे पाकिस्तान से करीब 7000 से भी ज्यादा पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिसमें से 4000 के करीब सिर्फ पंजाब प्रांत से हैं. पंजाब के केयरटेकर मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने बताया कि 9 मई को हुए हिंसा में दर्ज लगभग 138 केसों में 500 से अधिक महिलाओं को पुलिस तलाश कर रही है. नकवी ने एक बयान में बताया कि पुरुष अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी महिला को गिरफ्तार नहीं करेंगे.


ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने सरकार से आग्रह किया है कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर गिरफ्तार किए गए 4,000 से अधिक लोगों पर मुकदमा चलाते हुए मानवाधिकारों को बनाए रखा जाए. शनिवार को एक बयान में एचआरडब्ल्यू की सहयोगी एशिया निदेशक पेट्रीसिया ग्रॉसमैन ने कहा, "पाकिस्तानी अधिकारियों को राजनीतिक विपक्षी कार्यकर्ताओं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की मनमानी गिरफ्तारी बंद करनी चाहिए." अपने नेतृत्व में अविश्वास मत खोने के बाद, इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. 


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