Imran Khan And Gen Bajwa Fight: पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वहां विदेशी मुद्रा भंडार नाम मात्र का बचा है, इसलिए बाहरी व्‍यापार भी ठप है और पाकिस्‍तानी मुद्रा में आई लगातार गिरावट से महंगाई भी चरम पर पहुंच गई है. लोगों को खाने-पीने की चीजों के लाले हैं. पेट्रोल-गैस, दवा-गोलियां जैसी आवश्‍यक वस्‍तुओं की भी किल्‍लत मची हुई है.


वहीं, नेताओं के बीच टकराव से सियासत के गलियारों में भी कोहराम मचा हुआ है. कभी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के पूर्व आर्मी चीफ रिटायर्ड जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) अच्‍छे दोस्‍त थे, लेकिन फिर उनमें ऐसी दुश्‍मनी हुई कि इमरान सत्‍ता से बाहर धकेल दिए गए. 


अब इमरान खान की मुश्किलें बढ़ रही हैं और उनके सहयोगियों को जेलों में डाला जा रहा है. इमरान पर जानलेवा हमला भी हो चुका है. उन्‍हें ठीक होने में काफी वक्‍त लग गया. फिलहाल पाकिस्‍तानी मीडिया में इमरान और बाजवा की दोस्‍ती और दुश्‍मनी की कहानियां चर्चित हैं. इमरान ने जिन बाजवा को सेना प्रमुख बनाकर वफादारी का इनाम दिया था, वही बाद में इमरान की आंख के कांटे बन गए हैं.


हाल ये हो गया है कि इमरान सेना की आलोचना करने लगे, जिससे उन्‍हें अपने विरोधियों के गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा है. बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर इमरान खान और बाजवा में कैसे दुश्‍मनी हुई.


पाकिस्तान में दो दोस्त बने सबसे बड़े दुश्मन!


पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने वॉइस ऑफ अमेरिका उर्दू को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके खिलाफ पीएमएल-एन, पीडीएम और फौज सभी एक तरफ हैं. इमरान ने कहा, ''सभी ने मिलकर हमारी सरकार गिराई और अब जनरल बाजवा ने एक पत्रकार को दिए इंटरव्यू में सत्ता परिवर्तन की बात स्वीकार कर ली है.'' इमरान ने यह दावा किया कि बाजवा की बनाई कुछ नीतियां अब भी जारी हैं. एक दिन पहले बाजवा ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका 'अपराध' इमरान की सरकार को बचाने के लिए आगे ना आना था. उन्होंने कहा कि पीटीआई के लोग देश के लिए खतरनाक हैं. 


इमरान की आंख के कांटे हैं बाजवा?


बता दें कि पीटीआई इमरान खान की ही पार्टी है, जिसे इमरान के विरोधियों ने एकजुट होकर सत्‍ता से बाहर कर दिया था. ऐसे में इमरान का कहना है कि उनके साथ जो हुआ, उसमें बाजवा का हाथ था. इमरान अब बाजवा के खिलाफ आंतरिक सैन्य जांच की मांग कर रहे हैं.


बकौल इमरान, 'बाजवा ने खुद स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने सत्ता परिवर्तन में हिस्सा इसलिए लिया था, क्योंकि उनके मुताबिक देश खतरे में था.' बाजवा की ओर से राजनीति में सेना की भागीदारी को स्वीकार करने के बारे में पूछे जाने पर इमरान ने कहा कि बाजवा के खिलाफ उन बयानों के लिए एक आंतरिक सैन्य जांच होनी चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'मैंने देश के लिए फैसले लिए क्योंकि परिस्थितियां वैसी थीं', जैसे वह कोई इकोनॉमिक एक्‍सपर्ट हों.''


कुछ फैसलों ने दोनों के बीच पैदा किया तनाव


वहीं, इमरान के आरोपों से बाजवा सहमत नहीं हैं. इमरान ने एक इंटरव्‍यू में बाजवा के खिलाफ और भी कई आरोप लगाए हैं. ऐसे में अब बहुत से लोगों के ये सवाल हैं कि बाजवा इमरान के अच्‍छे दोस्‍त थे, फिर दोनों के बीच ऐसा क्‍या हुआ जो दुश्‍मन बन बैठे. इसके पीछे इमरान सरकार के कुछ फैसले बताए जाते हैं, जिनमें विदेश नीति शामिल है. कुछ परतें अभी खुलनी बाकी हैं.


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