Imran Khan Case: पाकिस्तान की जेलों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. यह दावा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया है. पीटीआई चीफ के इस दावे के बाद लाहौर के एसएसपी इन्वेस्टिगेशन अनूश मसूद ने कहा कि महिला कैदियों के साथ दुर्व्यवहार का कोई सवाल ही नहीं है. यह सब बातें झूठी हैं. 


लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एसएसपी मसूद ने कहा कि उन्होंने और लाहौर के उपायुक्त ने कोट लखपत जेल का दौरा किया. हमने सभी से अलग-अलग मुलाकात की और उनसे (किसी भी दुर्व्यवहार पर) पूछताछ की.  मसूद ने आगे दावा किया कि "मैं खदीजा शाह से भी मिला और उनसे बात की कि जेल में उनके साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है."


महिला कैदियों के पास पुरुष नहीं जा सकते 


उन्होंने कहा कि हर कैदी को दवाइयां दी जा रही हैं, यहां तक ​​कि सांस और त्वचा की समस्या वाले कैदियों को भी. मसूद ने कहा कि एक चिकित्सा अधिकारी वहां हर समय मौजूद रहता है. छेड़छाड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि जेल में केवल महिला कर्मचारी हैं, ऐसे में इमरान खान के आरोप झूठे और निराधार हैं. मसूद ने कहा है कि कोट लखपत जेल में महिला कैदियों की कोठरी वाले क्षेत्र में कोई पुरुष प्रवेश कर ही नहीं सकता है. महिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो महिला डॉक्टर और दो महिला मनोवैज्ञानिक हर समय जेल के अंदर मौजूद रहती हैं. 


इमरान खान ने की थी जेलों के अंदर दुर्व्यवहार की बात 


अधिकारी का बयान पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 9 मई के बाद गिरफ्तार की गई पीटीआई महिलाओं के साथ जेलों के अंदर दुर्व्यवहार किया जा रहा है.  पीटीआई चीफ ने दावा किया था कि महिलाओं के साथ जेल में छेड़छाड़ और उत्पीड़न किया जा रहा है. महिलाओं के खिलाफ दमन और आतंक अभियान इसलिए चलाया जा रहा है ताकि उनके पुरुष उनकी राजनीतिक भागीदारी को हतोत्साहित कर सकें.  इस दौरान उन्होंने पीटीआई कार्यकर्ताओं की रिहाई की अपील की.


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