इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के जनवरी में पद संभालने के बाद से उनसे (खान से) संपर्क की अनिच्छा जताये जाने को लेकर निराशा जताते हुए कटाक्ष किया कि 'वह एक व्यस्त व्यक्ति हैं.'


खान ने इस्लामाबाद में अपने निजी आवास 'बनी गाला' से बुधवार को सीएनएन को दिये साक्षात्कार में स्वीकार किया कि अफगानिस्तान में अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद से उनकी बाइडन से कोई बात नहीं हुई. खान से जब पूछा गया कि राष्ट्रपति बनने के बाद से बाइडन ने उसने संपर्क क्यों नहीं किया तो उन्होंने रुखेपन के साथ कहा, 'वह व्यस्त व्यक्ति हैं.' बाद में कहा कि उनसे पूछा जाना चाहिये कि 'क्या वह इतने व्यस्त हैं कि फोन भी नहीं कर सकते.'


बीते अगस्त महीने में भी विदेशी पत्रकारों से कहा था 


प्रधानमंत्री खान बाइडन द्वारा उसने संपर्क नहीं किये जाने पर पहले भी निराशा व्यक्त कर चुके हैं. अगस्त में अपने आवास पर विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए खान ने कहा था कि वह वास्तव में राष्ट्रपति बाइडन के फोन कॉल का 'इंतजार' नहीं कर रहे.


अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुछ दिन पहले कांग्रेस की कार्यवाही के दौरान संकेत दिया था कि पाकिस्तान तालिबान के सदस्यों को पनाह देने में शामिल था जिसमें खूंखार हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी भी शामिल थे. ब्लिंकन के इस बयान के बाद खान की ओर से यह टिप्पणी आई है.


अपने हितों के लिये अफगानिस्तान का भविष्य दांव पर लगाया- ब्लिंकन


टेक्सास से डेमोक्रेट सांसद जोकिन कास्त्रो ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान दशकों के तक अफगानिस्तान के मामलों में सक्रिय रहा और उसने कई तरीकों से नकारात्मक भूमिका निभाई. इस पर ब्लिंकन ने कहा था, ‘“मुझे लगता है कि पाकिस्तान ने पिछले 20 वर्षों में और उससे पहले भी जो भूमिका निभाई है, उसे आपने बहुत सही ढंग से इंगित किया है. इसने अपने हितों के लिये अफगानिस्तान का भविष्य दांव पर लगा दिया. यह हक्कानी सहित तालिबान के सदस्यों को पनाह देने में शामिल रहा है.’’


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